UP में 3 बेटियों को बिलखता छोड़ प्रेमी के साथ भागी महिला, चाइल्ड हेल्प लाइन में फोन कर कही ये बात
औरैया के फंफूद थानाक्षेत्र में विधवा ने प्रेमी के बच्चियां न अपनाने पर तीन बेटियों को लावारिस छोड़ दिया। धमकाकर चुप कराने के बाद खुद चाइल्ड लाइन को फोन कर पनकी में रोती बच्चियों की सूचना दी। चाइल्ड लाइन ने बच्चियों को राजकीय बालिकागृह ख्योरा भेजा। काउंसिलिंग में सच सामने आया, मां को बुलाकर समझाया गया। 14 माह 15 दिन बाद मां ने बेटियों को वापस लिया।

आशुतोष मिश्र, कानपुर। औरैया के फंफूद थानाक्षेत्र के एक गांव में रहने वाली विधवा ने प्रेम संबंधों के लिए अपनी तीन बेटियों को लावारिस बनाकर छोड़ दिया। प्रेमी बच्चियों को अपनाने को तैयार नहीं था तो महिला ने तीनों को धमकाकर चुप कराने के बाद खुद ही चाइल्ड लाइन को फोन कर कहा कि तीन बच्चियां मां-पिता से बिछुड़ गई हैं और रोते हुए पनकी में खड़ी हैं।
चाइल्ड लाइन ने बच्चियों को राजकीय बालिकागृह ख्योरा भेजा। वहां काउंसिलिंग के दौरान बच्चियों ने सही बात बताई तो उनकी मां से संपर्क कर बुलाया और समझाया गया। 14 माह 15 दिन बाद राजकीय बालिका गृह में रहीं इन बेटियों को फिर मां ने अपनी सिपुर्दगी में लिया है।
यह कहानी बिल्कुल फिल्मी लेकिन हकीकत है। अवैध प्रेम संबंधों के लिए एक युवती ने ममता छोड़ी और फिर दुलार आया। पति के निधन के बाद एक युवती को देवरानी के भाई से प्रेम हो गया। उसने प्रेमी के साथ जाने की ठानी। प्रेमी बेटियों को साथ ले चलने पर राजी नहीं था। इस पर युवती ने तीन बेटियों को सुरक्षित करने की मंशा से पनकी में सड़क पर छोड़ा और खुद ही एक अगस्त 2024 को चाइल्ड लाइन को बताया कि तीन बच्चियां सड़क पर खड़ी रो रही हैं।
बाल कल्याण समिति के सामने किया पेश
चाइल्ड लाइन के स्वयंसेवकों ने वहां जाकर बच्चियों को सिपुर्दगी में लिया। इसके बाद बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति के आदेश पर एक अगस्त 2024 को आठ, 10 और 11 साल की इन बच्चियों को राजकीय बालिकागृह सूर्यविहार में रखा गया।
काउंसिलिंग में बच्चियों ने बताया कि मां ने ही डरा-धमकाकर छोड़ा था और किसी को यह बात न बताने के लिए कहा था। बच्चियों के बताए पते के अनुसार पुलिस की मदद से औरैया के एक गांव में संपर्क के बाद पते का सत्यापन हुआ। नानी से बच्चियों की सिपुर्दगी लेने को कहा गया तो उन्होंने इन्कार कर दिया।
राजकीय बालिका गृह की अधीक्षिका शर्मिला गुप्ता ने बताया कि युवती को बालिकागृह बुलाया गया। काफी समझाने के बाद वह बच्चियों को सिपुर्दगी में लेने के लिए राजी हो गई। मामला औरैया का था। इसलिए औरैया की बाल कल्याण समिति को मामला भेजा गया। बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद 15 अक्टूबर को बच्चियों मां के हवाले कर दिया गया है।

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