जागरण संवाददाता, कानपुर।
तीन दिन पहले सीमांचल एक्सप्रेस से सेंट्रल स्टेशन पर बरामद किए गए 14 बच्चों को लेकर आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) सक्रिय हो गया है। मानव तस्करी की आशंका के तहत पड़ताल की जा रही है। बिहार के रास्ते बांग्लादेश से बच्चों को यहां लाए जाने के पहलू को भी देखा जा रहा है।
आरपीएफ के तत्काल कदम उठाने पर सराहना भी की गई है।
सेंट्रल स्टेशन पर दो दिन पहले बरामद बच्चों के मामले में बताया गया था कि उन्हें घाटमपुर स्थित मदरसे में पढ़ने के लिए लाया गया था। उप निरीक्षक अमित द्विवेदी के पूछताछ करने पर मदरसे का कोई परिचय पत्र, अभिभावक या संरक्षक नहीं मिलने पर बच्चों को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया था।
आरपीएफ के सहयोग से उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने पेश कर राजकीय बाल गृह भेजा गया। ऐसे ही लखनऊ में भी 99 बच्चों को ट्रेन से बरामद होने पर जांच एजेंसियां सक्रिय हुई हैं। सेंट्रल स्टेशन व लखनऊ में बरामद बच्चों को बिहार के पूर्णिया व अररिया जिले से लाने की बात पता चली है।
सूत्रों के अनुसार, इसीलिए एटीएस की ओर से मानव तस्करी के बिंदु पर जांच की जा रही है। पूर्णिया व अररिया बांग्लादेश के सीमावर्ती जिले हैं। इसलिए वहां से अवैध तरीके से बांग्लादेशियों के घुसपैठ की आशंका है। कुछ दिन पहले भी सेंट्रल स्टेशन पर महिला तस्कर को आरपीएफ ने पकड़ कर बिहार पुलिस को सौंपा था, जिससे अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह मिला था।
बालश्रम के लिए भेजे जाने वाले सैकड़ों बच्चों को आरपीएफ ने मुक्त कराया। अब पुराने मामलों की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। सेंट्रल स्टेशन आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक बीपी सिंह ने बताया कि बच्चों की बरामदगी को लेकर टीमें जांच कर रही हैं। लखनऊ मामले से भी कड़ी जोड़ी जा रही है।
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