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    ऐसा भारत बनाएं, जहां न हो जाति मजहब की बात, चित्रकूट आगमन के बाद बोले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य

    By Shaswat GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jul 2021 10:14 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सम्मान अफरोज जिले में अल्पसंख्यक आयोग की योजनाओं की समीक्षा करने आए थे। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य ने बताया कि जनपद में छात्रवृत्ति तथा शादी अनुदान की सुविधा चल रही है।

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    लोक निर्माण विभाग डाक बंगला में अधिकारियों के साथ बैठक करते अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सम्मान अफरोज (दाएं से तीसरे)।

    चित्रकूट, जेएनएन। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सम्मान अफरोज ने कहा कि हम सब एक हैं। ऐसा भारत ऐसा बनाएं, जहां जाति-मजहब की बात न हों। इसीलिए मदरसों में 50 से 60 फीसद हिंदू बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ही लक्ष्य है। लोगों को काम के आधार पर वोट करना चाहिए। वह जिले में अल्पसंख्यक आयोग की योजनाओं की समीक्षा करने आए थे।

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    लोक निर्माण विभाग के डाक बंगला में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाएं गांवों तक कैसे पहुंचें, इसको लेकर पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जनपद स्तर पर अल्पसंख्यक समाज की कमेटी गठित की है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाएगी। इसके पहले अधिकारियों के साथ बैठक में मदरसा आधुनिकीकरण योजना समेत अन्य की समीक्षा की। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य ने बताया कि जनपद में छात्रवृत्ति तथा शादी अनुदान की सुविधा चल रही है, इसके अलावा जनपद में पांच मदरसे संचालित हैं। इन मदरसों  में लगभग 600 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं और सबसे अधिक बच्चे मऊ मदरसे में हैं। वर्ष 2010 में इस मदरसा को अस्थाई मान्यता भी मिल चुकी है। प्री मैट्रिक में 205 बच्चों में से 170 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली है। पोस्ट मैट्रिक में 270 में से 176 बच्चों को छात्रवृत्ति दी गई है। उन्होंने विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ब्लाकवार शिविर लगाने के निर्देश दिए। कहा कि मानक पूरे करने वाले मदरसे को मान्यता दिलाएं। हिंदू धर्म के अध्ययनरत बच्चों की सूची बनाएं।

    सम्मानित हों मदरसे में पढ़कर इंजीनियर अधिकारी बनने वाले बच्चे:  उन्होंने कहा कि मदरसों से पढ़-लिखकर इंजीनियर, अधिकारी बनने वाले बच्चों की सूची बनाएं और उन्हें सम्मानित करें। मदरसों में दी जाए आधुनिक शिक्षा: उन्होंने कहा कि मदरसों में अरबी, फारसी शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं को आधुनिक विषय विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी, सामाजिक विषय आदि की शिक्षा दें। मदरसा आधुनिकीकरण योजना संचालित की गई है इसके लिए यदि शिक्षक की योग्यता स्नातक है तो उन्हें केंद्र सरकार छह हजार रुपये प्रतिमाह एवं स्नातकोत्तर एवं बीएड है तो शिक्षक को 12 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देगी। 

    यह रहे मौजूद : डीडीओ आरके त्रिपाठी, सीओ सिटी शीतला प्रसाद पांडेय, बीएसए राजीवरंजन मिश्र, डीपीओ मनोज कुमार व राम बाबू विश्वकर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी डा नीलम  सिंह, जिला दिव्यांगजन अधिकारी राजेश नायक, अल्पसंख्यक कल्याण प्रकोष्ठ के प्रदेश मंत्री हबीब खान, पंकज अग्रवाल, अश्वनी अवस्थी रहे।  

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