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    चित्रकूट: डकैत गौरी यादव हुआ पांच लाख का इनामी, यूपी-एमपी पुलिस के लिए बना है सिरदर्द

    By Shaswat GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 02 Jul 2021 05:07 PM (IST)

    बहिलपुरवा थाना के बिलहरी का रहने वाला उदयभान उर्फ गौरी यादव 19 वीं शदी के नौवें दशक में खेती किसानी करता था। उस समय पाठा के जंगल में डकैत ददुआ व ठोकिया की दहशत थी। जिनके खात्मे के लिए पुलिस ने गौरी को तैयार किया था।

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    डकैत गौरी यादव पर इनाम बढ़ाए जाने से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

    चित्रकूट, जेएनएन। यूपी व एमपी के सरहद के जंगल में करीब चार दशक से कोई न कोई पांच लाख का इनामी डकैत रहा है। सबसे पहले डकैत शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ में इतना बड़ा इनाम हुआ। उसके बाद डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया, सुंदर पटेल उर्फ रागिया, सुदेश पटेल उर्फ बलखडिया और बबली कोल पर पांच लाख के इनाम हुए लेकिन सभी मारे गए। बीते साल बबली कोल के मारे जाने के बाद पाठा का जंगल पांच लाख इनामी डकैतों से मुक्त हो चुका था। सिर्फ डेढ़ लाख इनामी गौरी यादव था। जो छिपा-छिपा फिरता था। हालांकि उसने इधर कोई बड़ी घटना भी नहीं की है फिर भी यूपी सरकार ने उस पर एक से बढ़ाकर पांच लाख इनाम कर दिया है। जबकि एमपी से सिर्फ 50 हजार रुपये है। अब यह डकैत साढ़े पांच लाख इनामी है यूपी व एमपी पुलिस बहुत तेजी इसके तलाश में जुटी है।

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    ददुआ के सफाए के लिए पुलिस ने किया था तैयार: बहिलपुरवा थाना के बिलहरी का रहने वाला उदयभान उर्फ गौरी यादव 19 वीं शदी के नौवें दशक में खेती किसानी करता था। उस समय पाठा के जंगल में डकैत ददुआ व ठोकिया की दहशत थी। जिनके खात्मे के लिए पुलिस ने गौरी को तैयार किया था। पांच लाख से बड़े इनामी दोनों डकैतों के साथ इसको लगा दिया था। पुलिस इसकी मदद से ददुआ व ठोकिया को तो नहीं मार सकी। जंगल की राह पकड़ने वाला गौरी खुद धीरे-धीरे पुलिस के लिए मुसीबत बन गया। डकैत गौरी यादव को वर्ष 2001 में डकैत रामगापोल यादव उर्फ गोप्पा का साथ मिल गया। दोनों सरकारी कामकाज में कमीशन वसूलने के साथ ठेकेदारों और मजदूरों से मारपीट करने लगे। डकैत डौरी को वर्ष 2008 में एसटीएफ ने मुठभेड़ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दो साल बाद छूटकर वह अपना अलग गैंग चलाने लगा था। 16 मई 2013 को गांव बिलहरी में दिल्ली के दरोगा की गोली मार हत्या कर दी थी। तभी से पुलिस उसको खोज रही थी। तभी उस पर यूपी पुलिस एक लाख का इनाम घोषित कर दिया। उसने 2017 में कोल्हुआ के जंगल में एक ही गांव के तीन लोगों को जिंदा जला दिया था। 

    आतंक के बल पर मां को बनाया था प्रधान: पाठा के जंगल में डकैत गौरी आतंक कम नहीं था। इनामी ने वर्ष 2016 के चुनाव में ग्राम पंचायत ददरी से अपनी मां राजरानी को ग्राम प्रधान बना था। आज भी डकैत चित्रकूट में अपनी दहशत कायम है। उसके खात्मे के लिए जिला पुलिस लगातार कांबिंग कर रही है। आइजी चित्रकूटधाम रेंज के सत्यनारायण व एसपी अंकित मित्तल खुद जंगल में कूद चुके हैं।

    इनका ये है कहना: 

    डकैत गौरी यादव में पांच लाख इनाम बढ़ाने का प्रस्ताव आइजी जोन चित्रकूटधाम मंडल बांदा व एडीजी जोन प्रयागराज ने भेजा था। जिसकी संस्तुति प्रदेश सरकार ने कर दी है। अब गौरी पर साढ़े पांच लाख इनाम हो गया है। 50 हजार मध्यप्रदेश से है। - अंकित मित्तल, पुलिस अधीक्षक