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    चित्रकूट में यूपी का पहला टेबल टाप एयरपोर्ट तैयार, दो माह बाद उतरने लगेंगे विमान

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Wed, 11 May 2022 10:35 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में पहला टेबल टाप एयरपोर्ट विंध्य पर्वतमाला की देवांगना घाटी पर सुंदरता की मिसाल है। यहां पर इसका सपना बीस साल पहले भारत रत्न नानाजी देशमुख ने देखा था। अब इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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    चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ।

    चित्रकूट, जागरण संवाददाता। विंध्य पर्वतमाला की देवांगना पहाड़ी स्थित प्रदेश के पहले टेबल टाप एयरपोर्ट पर जल्द विमान उतरने लगेंगे और यहां से दूसरे शहरों के लिए उड़ान भरेंगे। यह एयरपोर्ट सुंदरता की मिसाल है। यहां से हवाई सेवा का सपना भारत रत्न नानाजी देशमुख ने करीब 20 साल पहले देखा था, जो दो माह के अंतराल में साकार होने वाला है। चित्रकूट स्थित प्रभु श्रीराम की तपोभूमि को हवाई मार्ग से जोड़ने की कवायद वर्ष 2013 से चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डेढ़ किमी हवाई पट्टी का निर्माण कराया था, लेकिन बीच में काम ठप पड़ गया था। दैनिक जागरण ने कई बार मुद्दा उठाया तो फिर भाजपा सरकार ने इसे गति दी। जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया कि भारतीय विमानन प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के बीच समझौते से जल्द बेहतरी आएगी।

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    केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत चित्रकूट की देवांगना हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। साढ़े तीन किमी की एयर स्ट्रिप निर्माण के लिए 92.66 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र न मिलने से करीब डेढ़ साल तक काम ठप रहा था। वर्ष 2018 के बाद कई बाद दैनिक जागरण ने इसे लेकर प्रमुखता से खबरें छापी तो वर्ष 2019 के बाद काम में तेजी आई।

    कई जिलों को सीधे उड़ान : चित्रकूट का टेबल टाप एयरपोर्ट योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। देवांगना पहाड़ी पर बने इस हवाई अड्डे की सुंदरता देश के किसी भी एयरपोर्ट के सौंदर्य को पीछे कर देगी। एयरपोर्ट का रनवे 1475 मीटर लंबा और 23 मीटर चौड़ा है। टर्मिनल, एप्रन, एयर ट्रैफिक, कंट्रोल भवन और कार पार्किंग है। चित्रकूट एयरपोर्ट को प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर व खजुराहो हवाई अड्डों से सीधे जोड़ने की तैयारी है। भारत रत्न नानाजी देशमुख के देखे ख्वाब को साकार करने की पहल तत्कालीन डीएम जगन्नाथ सिंह ने की थी।

    यह होंगे फायदे

    -चित्रकूट की देश और विदेश में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

    -आगरा-खजुराहो वाले विदेश सैलानी भी चित्रकूट आएंगे।

    -सैलानियों के आने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

    -चित्रकूट के आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

    -पर्यटन बढ़ने से से युवाओं को रोजगार मिलने से रुकेगा पलायन।