UP Circle Rate: यूपी के इस जिले में नए सर्किल रेट लागू, जमीन-दुकान और फ्लैट के बढ़े दाम, यहां मिली राहत
कानपुर में नए सर्किल रेट लागू होने से जमीन दुकान मकान और फ्लैट खरीदना महंगा हो गया है। मेहरबान सिंह पूर्व में सर्किल रेट सबसे ज्यादा बढ़े हैं जहाँ आवासीय जमीन की दरें 4600 से बढ़कर 10000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई हैं। फ्लैट पर लगने वाला 18% सुविधा शुल्क समाप्त कर दिया गया है और कृषि भूमि की खरीद में भी कुछ राहत दी गई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जिले में शुक्रवार से नए सर्किल रेट लागू कर दिए गए हैं। अब जमीन, दुकान, मकान और फ्लैट खरीदना महंगा हो गया है। सबसे ज्यादा सर्किल रेट मेहरबान सिंह पूर्व के बढ़ाए गए हैं।
पहले यहां पर आवासीय जमीन 4600 वर्ग मीटर थी। अब बढ़ाकर 10000 वर्ग मीटर कर दी गई है। कुछ राहत भी दी गई है। फ्लैट के सामान्य सुविधा शुल्क के रूप में पड़ने वाला 18 प्रतिशत सर्किल रेट समाप्त कर दिया गया है। इसी तरह कृषि भूमि की खरीद में थोड़ी राहत दी गई है।
संशोधित सर्किल दरें आज से लागू
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ. विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि जनपद के उप निबन्धक कार्यालयों सदर प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, नर्वल, बिल्हौर एवं घाटमपुर के सर्किल दरों के पुनरीक्षण प्रस्ताव पर 9 अगस्त से 21 अगस्त तक आपत्तियाँ मांगी गई थीं।
तत्पश्चात 22 अगस्त को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित आपत्ति निस्तारण बैठक में प्राप्त कुल 75 आपत्तियों का विधिवत निस्तारण कर आवश्यक संशोधन किए गए। संशोधित सर्किल दरें 05 सितम्बर से प्रभावी कर दी गई हैं।
कॉमन सुविधा शुल्क की देयता समाप्त
चार तल तक के बहुमंजिला आवासीय भवन, फ्लैट निर्माण मूल्य में अब 30 से 60 प्रतिशत तक कमी की गई है। कॉमन सुविधा शुल्क की देयता, जो पूर्व में न्यूनतम 18 प्रतिशत के रूप में थी, समाप्त कर दी गई है।
बड़े अकृषक आवासीय भूखण्डों के अंतरण में 1000 से 2000 वर्गमीटर तक 20 प्रतिशत, 2000 से 3000 वर्गमीटर तक 25 प्रतिशत तथा 3000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल पर 30 प्रतिशत की कमी की गई है।
पहले 2000 वर्गमीटर तक कोई कमी नहीं थी। वाणिज्येतर निर्माण के मूल्यांकन में फार्मूला आधारित पद्धति समाप्त कर भवन की आयु के आधार पर 30 से 60 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान किया गया है।
निर्धारित कृषि दर से होगा मूल्यांकन
नगरीय और अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में कृषि भूमि के मूल्यांकन संबंधी पूर्व व्यवस्था को अव्यावहारिक पाते हुए संशोधित व्यवस्था लागू की गई है।
इसके अंतर्गत 0.051 हेक्टेयर तक कृषि दर का चार गुना, 0.051 से 0.102 हेक्टेयर तक तीन गुना, 0.102 से 0.205 हेक्टेयर तक दो गुना तथा 0.205 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर निर्धारित कृषि दर से मूल्यांकन किया जाएगा।
फार्म हाउस की संपत्ति के मूल्यांकन की पद्धति में भी संशोधन किया गया है। इसके अंतर्गत फार्म हाउस में निहित कृषि भूमि का मूल्यांकन निर्धारित कृषि दर से तथा अकृषक भूमि का अकृषक दर से किया जाएगा, परंतु 0.102 हेक्टेयर तक कृषि भूमि का मूल्यांकन निर्धारित कृषि दर के तीन गुना पर किया जाएगा। इस नई व्यवस्था से फार्म हाउस की संपत्ति का वास्तविक बाजार मूल्य सुनिश्चित होगा।
वाणिज्यिक निर्माण और दुकानों के मूल्यांकन में भी संशोधन किए गए हैं। आरसीसी/आरबीसी निर्माण को छोड़कर अन्य वाणिज्यिक निर्माणों की दरें अलग स्लैब में रखी गई हैं। कार्पेट/फर्श एरिया के मूल्यांकन में तल के अनुसार छूट 5-15 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-20 प्रतिशत कर दी गई है। ए
केन्द्रीयकृत वातानुकूलित दुकान/वाणिज्यिक अधिष्ठान के कार्पेट एरिया पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्य वृद्धि का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। पुनरीक्षित सर्किल दर सूची के तहत उप निबन्धक कार्यालयों में संपत्तियों के औसत मूल्य में वृद्धि की गई है।
सदर प्रथम में 26.75 प्रतिशत, सदर द्वितीय में 34.27 प्रतिशत, सदर तृतीय में 34.99 प्रतिशत, सदर चतुर्थ में 28.83 प्रतिशत, नर्वल में 31.66 प्रतिशत, बिल्हौर में 22.90 प्रतिशत तथा घाटमपुर में 27.20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस प्रकार समग्र औसत वृद्धि 29.52 प्रतिशत रही है।
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