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विधायक रहे भगवती सागर और बृजेश प्रजापति का भाजपा से इस्तीफा, सपा में शामिल होने की चर्चा

कानपुर में बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रहे भगवती सागर और बांदा के तिंदवारी सीट से बृजेश प्रजापति ने पार्टी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। जल्द ही सपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 03:13 PM (IST)
विधायक रहे भगवती सागर और बृजेश प्रजापति का भाजपा से इस्तीफा, सपा में शामिल होने की चर्चा
चुनाव से पहले दिया पार्टी से इस्तीफा।

कानपुर, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के दो विधायकों ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। ये कानपुर के बिल्हौर से भाजपा विधायक रहे भगवती सागर और बांदा के तिंदवारी से भाजपा विधायक रहे बृजेश प्रजापति है। माना जा रहा है अब दोनों विधायक समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि इन दो इस्तीफों के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। 

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बसपा की सरकार में रह चुके मंत्री

भाजपा के टिकट पर भगवती प्रसाद सागर ने 2017 के विधानसभा चुनाव लड़कर बसपा के कमलेश दिवाकर को हराया था। 28 मई 1955 को जम्मे भगवती प्रसाद ने स्नातक व एलएलबी की डिग्री हासिल की है। उनका पैतृक आवास कानपुर देहात में है और वर्ष 2007 में बसपा में शामिल होकर झांसी जिले की मऊरानीपुर सीट से चुनाव लड़ा था। चुनाव में जीत कर वह बसपा सरकार में राज्यमंत्री भी बने थे।

बसपा प्रत्याशी को हराकर बृजेश बने थे विधायक

मूलरूप से बांदा के मूल रूप से जारी ग्राम के रहने वाले बृजेश कुमार प्रजापति ने वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के जगदीश प्रसाद को 37,407 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी। आरंभिक शिक्षा बांदा में हुई, उन्होंने स्नातक व एलएलबी की डिग्री हासिल की है। वह तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों का सिंडिकट हावी है। 

उन्होंने बालू खनन के खिलाफ कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया है। वह पूर्ववर्ती बसपा सरकार में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी रहे और वर्ष 2012 में प्रभारी और तिंदवारी से प्रत्याशी भी रहे। लेकिन, बाद में बाद में बसपा से टिकट कट गया था। उनके पिता स्व. जोगीलाल प्रजापति बसपा से वरिष्ठ नेता रहे हैं और सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे हैं। वह प्रदेश के कद्दावर नेता स्वामी मौर्य खेमे के खास माने जाते हैं।


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