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बिजली के बिना काम करता है ये फ्रिज, सात दिन तक ताजे रखता है फल-सब्जियां, कीमत भी काफी कम

एचबीटीयू में सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र ने क्ले से उपकरण बनाया है जो भीषण गर्मी में बिना बिजली के 12 डिग्री तापमान में खाद्य पदार्थ ताजे रखता है। उसे बाघा और राजस्थान बार्डर पर रहने वाले जवानों की परेशानी देखकर फ्रिज बनाने का विचार आया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 17 Mar 2022 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 17 Mar 2022 11:59 AM (IST)
एचबीटीयू के छात्र अनुराग बसु ने क्ले से उपकरण बनाया है।

कानपुर, [चंद्र प्रकाश गुप्ता]। भीषण गर्मी के दौरान बिना बिजली का ऐसा फ्रिज मिल जाए जो फल-सब्जियों व अन्य खाद्य पदार्थों को एक हफ्ते तक ताजा रख सके तो क्या कहना। इससे बिजली की खपत की चिंता नहीं होगी। न फ्रिज के लिए बिजली पर निर्भर रहना होगा। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के एक छात्र ने मिट्टी, चारकोल व लकड़ी के बुरादे से ऐसा ही फ्रिज बनाया है, जिसमें खाद्य पदार्थ 12 से 14 डिग्री तापमान में पांच से सात दिन तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं। इसका नाम क्ले फ्रिज (मिट्टी से बना फ्रिज) रखा है।

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एचबीटीयू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग से बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र अनुराग बासु ने बताया कि पिछले वर्ष गर्मियों में वह छुट्टियां बिताने हिमाचल गए थे। वहां से बाघा बार्डर पहुंचे, जहां देखा कि जवान अपने लिए जो दूध लेते थे, वह कुछ घंटे में ही खराब हो जाता था। इसी तरह राजस्थान बार्डर पर तैनात जवानों का खाना, फल व सब्जियां भी फ्रिज न होने से खराब हो जाता है। तब उन्होंने मिट्टी के बर्तन को फ्रिज की तरह तैयार करने की योजना बनाई। अनुराग ने बताया कि मिट्टी में लकड़ी के बुरादे और बायोचार (जैविक चारकोल) मिलाकर उसे कुम्हार से गमले के आकार में तैयार कराया।

उसके अंदर इसी मिश्रण से एक और छोटा गमला बनवाया। दोनों में परत की मोटाई दो सेंटीमीटर रखवाई। बड़े गमले के अंदर छोटे गमले को रखकर दोनों के बीच में पानी भरकर दोनों गमलों को ढंक दिया। कुछ घंटे बाद ही देखा कि पानी की वाष्पीकरण प्रणाली से अंदर वाले गमले का तापमान काफी कम हो गया। बाहर का तापमान जहां 35 डिग्री सेल्सियस था, वहीं अंदर वाले गमलेे के भीतर का तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस रहा। गमले में फल, सब्जियां आदि रखकर देखा तो यह खाद्य पदार्थ हफ्ते भर ताजे बने रहे। अनुराग ने इस प्रयोग को विवि के इन्क्यूबेशन हब प्रभारी डा. अरुण मैथानी को दिखाया तो वह भी हैरान रह गए। डा. मैथानी ने बताया कि क्ले फ्रिज उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों में रहते हैं। फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए भी यह बेहद उपयोगी साबित होगा।

कहीं भी ले जाने में आसान : अनुराग ने बताया कि बर्तन का आकार बढ़ाकर उसकी क्षमता बढ़ाई जा सकती है। पांच किलोग्राम क्षमता वाला उपकरण बनाने में महज 400 रुपये का खर्च आया है। इसे किसी भी स्थान पर ले जाना भी आसान है।

50 आर्डर भी मिले : अनुराग ने बताया कि चाहे जितनी भी गर्मी पड़े, क्ले फ्रिज के अंदर का तापमान 12 से 14 डिग्री तक रहेगा। अब वह क्ले फ्रिज का न्यूनतम तापमान घटाकर पांच डिग्री तक लाने के लिए तकनीक विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में हास्टलों में रहने वाले 50 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की ओर से भी क्ले फ्रिज के आर्डर मिल गए हैं।


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