Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्नाव: मियागंज को 'मायागंज' होने से पहले जानें यहां का इतिहास, 250 साल पहले इस शख्स ने बदला था नाम

    By Shaswat GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 26 Aug 2021 05:46 PM (IST)

    History of Miyaganj in Unnao उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से ही स्टेशन और शहरों के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया था। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होने के बाद से यह सिलसिला अब तक जारी है।

    Hero Image
    उन्नाव की मियागंज ग्राम पंचायत की सांकेतिक फोटो।

    उन्नाव, [ब्रजेश शुक्ल]। History of Miyaganj in Unnao वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां जनसभा में कहा था कि अगर सरकार बनी तो मियागंज का नाम बदलकर मायागंज कर दूंगा। सरकार बनने के चार वर्ष बाद क्षेत्रीय विधायक बंबालाल दिवाकर ने 31 जुलाई को डीएम को पत्र लिखा। उन्होंने पूर्व के नाम का जिक्र करते हुए मियागंज का नाम बदलकर मायागंज या भोपतखेड़ा करने की मांग की। डीएम ने मंगलवार 24 अगस्त को मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने का प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज को भेज दिया। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 1771 में बदला गया था नाम: जिस मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने की कवायद शुरू हुई है। उसका नाम दस्तावेजों में पहली बार वर्ष 1771 में नाम बदला गया था। 250 साल पहले अवध के नवाब असरफुद्दौला के वित्तमंत्री मंगलामुखी (किन्नर) मियां अलमास अली खान ने इसका नाम मियागंज रखा था। पहले इसे भोपतपुर के नाम से जाना जाता था। विकिपीडिया पर इसका जिक्र है। सहायक जिला सूचना अधिकारी नवप्रभात रंजन ने बताया कि विकिपीडिया ने उन्नाव एनआइसी (नेशनल इंफार्मेशन सेंटर) को लिंक किया है। इसकी सूचनाएं सही होती हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसे फीड नहीं किया जाता है। 

    ग्राम पंचायत में ही ब्लाक और सीएचसी: मियागंज ग्राम पंचायत में ही ब्लाक मुख्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व अन्य सभी सुविधाएं हैं। ग्राम पंचायत का नाम बदलते ही पूरे ब्लाक का नाम मायागंज हो जाएगा। 

    यह भी पढ़ें: UP में अलीगढ़ और मैनपुरी के बाद इस जगह का भी बदला जा सकता है नाम, डीएम ने भेजा प्रस्ताव

    अंग्रेज कर्नल लांस की किताब फोर्टी डेट में है विवरण: मियागंज के बुजुर्ग साबिर अली अंसारी ने बताया कि यह गांव असरफुद्दौला नवाब लखनऊ के नजदीकी मियां अलमास अली खान ने बसाया था। इसके पहले मियागंज का नाम भोपतपुर था। मियागंज में 52 गुर्ज (गुंबद) व 53 कुएं थे, जिनको अंग्रेज ने 40 दिन में नष्ट कर सके थे। इसी पर अंग्रेज कर्नल लांस ने एक किताब लिखी है, जिसका नाम फोर्टी डेज इन अवध है, जिसमें मियागंज का पूरा विवरण है। 

    इनका ये है कहना: पूर्व प्रधानाचार्य विवेकानन्द इंटर कालेज मियागंज ऊषा अवस्थी कहती हैं कि हम सब ग्रामवासी ग्राम प्रधान के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं। मियागंज के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मियागंज का पहले नाम सरंबा निवासी भोपत सिंह के नाम पर इसका नाम भोपतपुर था, लेकिन लखनऊ के नवाब असरफुद्दौला के नजदीकी मिया इलमास ने इसका नाम मियागंज रख दिया था जो हम लोगों ने पढ़ा है। 

    मियागंज की विशेषताएं

    •  इस कस्बे में तोपखाना नाम से एक मुहल्ला है, जिसमें तोप रखी जाती थी।
    •  हसनगंज तहसील में एक गांव और संबंधित सामुदायिक विकासखंड है। 
    •  उन्नाव और को वाले एक अन्य मार्ग के साथ चौराहे के पश्चिम में लखनऊ से की पर स्थित है। 
    •  आषाढ़ में एक पशु मेला आयोजित होता है। विक्रेता इस आयोजन में बेचने के लिए के उत्पाद, कृषि उपकरण, मिठाइयां, खिलौने और अन्य माल लाते हैं। 
    •  गांव में बुधवार और शनिवार को एक बाजार भी लगता है। जहां अनाज और सब्जियां बेची जाती हैं। 

    आंकड़ों में मियागंज

    • जनगणना 2011 में आबादी : 8948
    • 2011 तक कुल घर : 1575
    • मौजूदा समय यहां कुल घर : 3780 घर
    • मौजूदा समय में आबादी : 20,000 लगभग
    • मौजूदा समय मतदाता : 8200
    • कुल क्षेत्रफल : 3.195 वर्ग किमी.
    • जिला मुख्यालय से दूरी : 35 किमी.
    • लखनऊ से दूरी : 55 किमी.
    • मुस्लिम आबादी : 54 फीसद
    • हिंदू आबादी : 46 फीसद
    • ब्लाक में कुल गांव : 140
    • कुल ग्राम पंचायतें : 74

    comedy show banner