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    हज के बाद उमरा करना भी हुआ महंगा, अब कुल मिलाकर इतने पैसे हो जाएंगे खर्ज

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 09:16 PM (IST)

    कानपुर से मिली खबर के अनुसार हज महंगा होने के बाद अब उमरा भी महंगा हो गया है। हवाई किराया वीजा और सऊदी अरब में रहने का खर्च बढ़ने से तीर्थयात्री परेशान हैं। पहले उमरा 50-60 हजार में हो जाता था लेकिन अब 1.10 लाख से 2 लाख तक खर्च आ रहा है। सऊदी एयरलाइंस का टिकट और वीजा शुल्क भी बढ़ गया है।

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    उमरा करना हुआ महंगा, एक लाख से ऊपर खर्च

    जागरण संवाददाता, कानपुर। हज पर महंगाई के असर के चलते उमरा का विकल्प चुनने वाले जायरीन की जेब पर पहले से अधिक बोझ पड़ने लगा है। जी हां... हज के बाद अब उमरा करना भई महंगा हो गया है। हवाई जहाज का किराया, वीजा, सऊदी अरब में ठहरने व ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ जाने से उमरा पर महंगाई का असर पड़ा है। अब वे जायरीन असमंजस की स्थिति में हैं जो कम धनराशि में उमरा कर मक्का व मदीना का दीदार करने की हसरत दिल में लिए हुए हैं।

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    सऊदी अरब सरकार अरबी महीने मोहर्रम से उमरा करने के लिए जायरीन (तीर्थ यात्रियों) को आमंत्रित करती है। यह क्रम ईद के बाद तक जारी रहता है। इसके बाद हज की तैयारियां शुरू हो जाती है और उमरा के लिए यात्रा को रोक दिया जाता है। सऊदी अरब में उमरा करने जाने के लिए जायरीन मार्च, 2026 तक जा सकते हैं।

    टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसियों के पैकेज हज की तरह महंगे हो गए हैं। उमरा के लिए अब एक व्यक्ति को एक लाख से ऊपर खर्च करने होंगे। हज के लिए लगभग 3.50 लाख रुपये खर्च आ रहा है, क्योंकि इसमें 40 से 45 दिन लगते हैं। ऐसे में जिन लोगों के पास कम धनराशि है, वह उमरा का विकल्प चुन रहे हैं।

    उमरा के माध्यम से मक्का व मदीना की जियारत कर लेते हैं और इसमें समय भी 13 से 17 दिन का ही लगता है।कोरोना काल से पहले उमरा 50 हजार से 60 हजार रुपये में हो जाता था। इस वर्ष 1.10 लाख से दो लाख रुपये के बीच उमरा करने का खर्च पहुंच गया है। इसके पीछे स्वास्थ्य जांच, ठहरने के लिए दरें बढ़ा दी गई हैं।

    हवाई जहाज का किराया बढ़ गया है। टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसियों के संचालकों का कहना है कि हज महंगा होने, इसमें अधिक समय लगने पर काफी संख्या में लोग उमरा का विकल्प चुनते है ताकि एक बार मक्का-मदीना का दीदार कर कर सकें। उमरा महंगा होने अब उनकी जेब पर भी असर पड़ रहा है।

    हज प्रशिक्षक तथा अवध टूर एंड ट्रैवल्स के प्रोपराइटर शारिक अलवी बताते हैं कि शहर से हर माह लगभग औसत 3000 हजार लोग उमरा करने जाते थे, मोहर्रम के बाद से अब तक हर माह औसत 1200 से 1500 लोगों ने उमरा के लिए बुकिंग कराई है। वे बताते हैं कि उमरा के लिए लखनऊ से जद्दा सऊदी एयरलाइंस के माध्यम से जायरीन जाते हैं, इसका किराया महंगा है। इसकी बजाय अगर इंडियन एयरलाइंस की विकल्प भी दिया जाए तो किराये में फर्क पड़ेगा।

    इस तरह बढ़ी महंगाई

    सऊदी एयरलाइंस से यात्रा का टिकट 29 हजार रुपये से बढ़कर 59 हजार रुपये हो गया। सऊदी अरब का वीजा 5500 रुपये से बढ़कर 15000 रुपये हो गया। सऊदी अरब में ठहरने के लिए 100 रियाल का कमरा 400 रियाल का हो गया। सऊदी अरब में ट्रासपोर्ट का खर्च , स्वास्थ्य परीक्षण भी मंहगा हो गया।

    हज अनिवार्य, उमरा ऐच्छिक

    हज उन लोगों पर फर्ज यानी अनिवार्य है जो आर्थिक रूप से संपन्न है। उमरा करना ऐच्छिक है। जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं और हज नहीं कर पाते वे उमरा का विकल्प चुनते हैं। वे उमरा के दौरान मक्का में काबा का तवाफ (परिक्रमा) करने के साथ मदीना की भी जियारत कर लेते हैं। उमरा कर जायरीन मक्का व मदीना की जियारत की इच्छा पूरी कर लेते हैं।