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    RBI के बाहर दो हजार के नोट लेकर खड़े थे मजदूर, पुलिस के पहुंचते ही... पता चला- 'इनका' काला धन हो रहा था सफेद

    Updated: Sun, 07 Apr 2024 12:11 PM (IST)

    कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक परिसर के बाहर भारी भीड़ की जानकारी मिलने पर वहां छापेमारी की थी। वहां पहुंचने पर पता चला कि भीड़ दो हजार रुपये के बंद हो चुके नोट बदलवाने के लिए पहुंची है। लाइन में लगे अधिकांश लोग मजदूर तबके के थे। पुलिस को देखते ही वे इधर उधर भागने लगे ।

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    RBI के बाहर दो हजार के नोट लेकर खड़े थे मजदूर, पुलिस के पहुंचते ही...

    जागरण संवाददाता, कानपुर। भारतीय रिजर्व बैंक में मजदूरों के हाथों दो हजार रुपये के नोट बदलवाने के खेल में बड़ा राजफाश हुआ है। नोट बदलने का यह खेल महानगर में कटे फटे नोट बदलने का धंधा करने वालों की देखरेख में चल रहा था।

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    पुलिस ने कटे फटे नोट का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ पर पता चला कि प्रयागराज और वाराणसी के बड़े-बड़े व्यापारी अपने काले धन को यहां सफेद करा रहे थे। पुलिस ने 10 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सात को गिरफ्तार किया है। हालांकि पुलिस ने इन सभी को थाने से जमानत देकर रिहा भी कर दिया।

    कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक परिसर के बाहर भारी भीड़ की जानकारी मिलने पर वहां छापेमारी की थी। वहां पहुंचने पर पता चला कि भीड़ दो हजार रुपये के बंद हो चुके नोट बदलवाने के लिए पहुंची है। लाइन में लगे अधिकांश लोग मजदूर तबके के थे। पुलिस को देखते ही वे इधर उधर भागने लगे।

    इसके बाद पुलिस ने इनमें 10 से 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इंस्पेक्टर कोतवाली संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के बाद उप निरीक्षक अविसार सिंह की ओर से धोखाधड़ी और साजिश की धाराओं में 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    इनमें से छह को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार किया था। यह सभी मजदूर तबके के लोग थे। गिरफ्तार आरोपितों में रियाज और आशीष पांडेय ने पुलिस को बताया कि वह यह काम नयागंज में कटे फटे नोट बदलने वाले आशीष गुप्ता के लिए करते हैं।

    इसके बाद पुलिस ने आशीष को भी धर दबोचा। आशीष गुप्ता ने पुलिस को बताया कि वाराणसी और प्रयागराज के तमाम ऐसे व्यापारी हैं, जिनके पास दो हजार की नोटों की खेप अभी भी है। वह लोग यह रकम 75 से 85 प्रतिशत पर उन्हें दे देते थे। इसके बाद वे मजदूरों को 20 हजार रुपये पर तीन सौ से पांच सौ रुपये के कमीशन का लालच देकर रिजर्व बैंक में लाइन पर लगा देते थे।

    आशीष गुप्ता व अन्य के बयानों के आधार पर कटे फटे नोट बदलने वाले सुधाकर, रोहित व राकेश के नाम भी सामने आए हैं। आशीष गुप्ता ने बताया है कि उसका भारतीय रिजर्व बैंक में खाता है, जिसका प्रयोग वह बड़ी रकम के लिए करते हैं। दो-चार लाख रुपये आने पर वह मजदूरों की मदद से नोट बदलवा देते थे।

    इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

    अभिषेक वर्मा व अवधेश वर्मा निवासी जूही हमीरपुर रोड, संतोष कुमार निवासी परमट, रियाज निवासी पटकापुर, आशीष पांडेय निवासी सरसैया घाट, दीपांशु राठौर निवासी टेलीग्राम रोड, आशीष गुप्ता निवासी कृष्णा नगर, सुधाकर निवासी कमला टावर और रोहित व राकेश जिनके निवास के बारे में जानकारी नहीं है।

    80 हजार रुपये के नोट मिले

    पुलिस के मुताबिक तलाशी के दौरान केवल दीपांशु के पास से 80 हजार रुपये के नोट मिले हैं। जबकि अन्य के पास कोई रकम नहीं मिली। लाइन में लगे रहने के दौरान जब उनका नंबर आता था, तभी दलाल उन्हें पैसा देता था।

    रिजर्व बैंक अफसरों से पुलिस ने जुटाई जानकारी

    कोतवाली पुलिस ने इस प्रकरण में शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों से संपर्क करके जानकारियां एकत्र करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस को इस खेल से जुड़ी जानकारियां सोमवार को बैंक खुलने के बाद ही पता चल सकेंगी।