कन्नौज में पूड़ी-सब्जी खाने के बाद अचानक तबीयत बिगडऩे से दो बच्चियों और बुआ की मौत, फूड प्वाइजनिंग की आशंका
कन्नौज के तालग्राम क्षेत्र में रहने वाला परिवार रविवार रात फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गया। अस्पताल ले जाने के बाद दो बच्चियों और बुआ की मौत हो गई और छह को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कन्नौज, जागरण संवाददाता। मोहल्ला कायस्थान में रविवार को दिन का खाना खाने के बाद रामनारायण के परिवार में एक के बाद एक सभी सदस्यों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सोमवार सुबह दो बच्चियां 13 वर्षीय रिया और सात वर्षीय रितिका अपने बिस्तर पर मृत मिलीं। उनकी दिव्यांग बुआ 35 वर्षीय उमा ने सोमवार को मेडिकल कालेज में दम तोड़ दिया। पांच लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें रामनारायण व उनकी बहू पिंकी फर्रुखाबाद के अस्पताल में भर्ती हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की स्पष्ट वजह पता न चलने से बिसरा सुरक्षित किया गया है। सीएमओ ने फूड प्वाइजनिंग (विषाक्त भोजन) की आशंका जताई है। रोटी, मूंग की दाल, रिफाइंड, सरसों का तेल, पीने का पानी और आटा का सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है।
मोहल्ला कायस्थान निवासी श्यामवीर प्रजापति दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनकी पत्नी पिंकी सास-ससुर और बच्चों के साथ यहां रहती हैं। इसी मकान में उनके चचेरे भाई संजीव प्रजापति भी रहते हैं। रविवार सुबह पिंकी ने पूड़ी और चना-लौकी की दाल बनाई थी। इसको पिंकी, उनकी सास 60 वर्षीय सास सोनावती, ससुर 62 वर्षीय रामनारायण, रिया, रितिका, आठ वर्षीय प्रिया व दो वर्षीय ऋतिक ने खाया। पिंकी और बेटी रिया को दस्त शुरू हो गए। यही दिक्कत घर के अन्य सदस्यों को भी होने लगी। सबने झोलाछाप से दवा ले ली। शाम को पिंकी ने शाम को मूंग दाल और रोटी बनाई, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण किसी ने भी नहीं खाया। रात तीन बजे पिंकी की तबीयत बिगड़ी तो स्वजन झोलाछाप के यहां लेकर पहुंचे। बाबा और दादी ने सुबह रिया और रितिका को जगाया तो दोनों चारपाई पर मृत अवस्था में मिलीं। प्रिया और ऋतिक की तबीयत खराब होने पर उन्हें झोलाछाप के यहां ले गए। उधर, संजीव के यहां रविवार सुबह बैंगन-आलू की सब्जी बनी थी। खाना खाने के बाद दोपहर में संजीव की बहन उमा, छह वर्षीय बेटी जाह्नवी, दो वर्षीय मानवी और की भी हालत बिगड़ गई। उन्हें भी झोलाछाप के यहां भर्ती कराया गया था। सोमवार को सबको तिर्वा मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उमा की मौत हो गई।
अधिकारियों को देख भागा झोलाछाप
एसडीएम अशोक कुमार ने झोलाछाप के यहां भर्ती बच्चों को सरकारी अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन को देख झोलाछाप फरार हो गया। प्रशासन ने अस्पताल को सीज कर दिया। देर शाम डीएम राकेश कुमार मिश्र और एसपी प्रशांत वर्मा भी पीड़ितों के घर पहुंचे।
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