Tulsi Jayanti : हुलसी के घर में तुलसी के जन्मोत्सव पर बज रही बधाईयां, चित्रकूट में धूमधाम से मनाई जा रही जयंती
Tulsi Jayanti चित्रकूट के जन्मस्थली राजापुर समेत तपोभूमि में धूमधाम से तुलसी जयंती मनाई जा रही है। हुलसी के घर राजापुर में तुलसी के जन्मोत्सव पर बधाईयां बज रही है। राजापुर के अलावा तपोभूमि के विभिन्न स्थानों पर भी आयोजन चल रहे हैं।
चित्रकूट, जागरण संवाददाता। Tulsi Jayanti प्रभु श्रीराम को जन-जन तक रामचरित मानस से पहुंचाने वाले गोस्वामी तुलसीदास की जयंती जिले में धूमधाम से मनाई जा रही है। हुलसी के घर राजापुर में तुलसी के जन्मोत्सव पर सुबह से बधाईयां बज रही है। राजापुर के अलावा तपोभूमि के विभिन्न स्थानों पर आयोजन चल रहे हैं।
तुलसीदास जयंती हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि यानी गुरुवार को मनाई जा रही है। वैसे उनकी जन्मस्थली राजापुर में एक सप्ताह पहले से जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। पूर्व संध्या में अखंड रामचरित मानस का घर-घर हो रहा है।
तुलसी स्मारक के विशाल सभागार में उपजिलाधिकारी प्रमोद झां, कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदनगोपाल महाराज व तुलसी स्मारक समिति के उपाध्यक्ष डा संतोष कुमार मिश्रा, मनोज द्विवेदी ने गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। एसडीएम ने बताया कि वाद्य यंत्रो के साथ चल रही अखंड रामचरितमानस का पाठ का सुबह समापन हो गया है।
इस दौरान हवन पूजन चल रहा है। शाम को तुलसी स्मारक में सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजापुर नगर में गाजे बाजे, हाथी घोड़ा व झांकियों के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जिसकी तैयारियां चल रही है। स्मारक को भव्य रूप से सजाया गया है। आकर्षक रंगोली सजाई गई है।
नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र सिंह गौतम, ईओ बीएन कुशवाहा, प्रभारी निरीक्षक दीपेंद्र सिंह, श्यामसुंदर मिश्रा, जुगराज केशरवानी, सतीश मिश्रा, अशोक सोनकर, रमाकांत द्विवेदी, संतोष गर्ग, रामबाबू तिवारी, रघुवीर मिश्रा रहे।
राजापुर के अलावा तुलसी गुफा तोतामुखी हनुमान मंदिर रामघाट में अखंड रामचरित मानस चल रहा है। यहां पर श्रद्धालुओं का बाबा के पूजन को लोग पहुंच रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे ने सुबह तुलसी गुफा में पूजन किया।
हस्तलिखित रामचरित मानस के दर्शन को पहुंच रहे लोग : गोस्वामी तुलसीदास 16वीं सदी चित्रकूट जनपद के राजापुर में पैदा हुए थे। तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना अमर काव्यों में से एक है। इसके अलावा उन्होनें गीतावली, कवितावली, विनयपत्रिका, जानकी मंगल और बरवै रामायण सहित 12 ग्रंथों की रचना की थी।
उनकी हस्तलिखित रामचरित मानस आज भी मानस मंदिर राजापुर में रखी है। जिसके दर्शन को सुबह से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंदिर के पुजारी रामाश्रयदास महराज ने बताया कि सुबह से विभिन्न शहरों के लेकर तुलसीदास के पूजन को आ रहे हैं।
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