कैंसर के बाद ही मिलेगा इलाज का पैकेज, पहले जांच का नहीं
एलएलआर में आयुष्मान भारत के लाभार्थी की बायोप्सी पर पेच, नोडल अफसर ने खड़े किए हाथ
जागरण संवाददाता, कानपुर : इसे जल्दबाजी कह लें या फिर अनदेखी, गरीबों और जरूरतमंदों के बेहतर इलाज के लिए केंद्र सरकार की 'आयुष्मान भारत' योजना में कुछ बातें अब हैरान कर रही हैं। योजना में कैंसर के इलाज का पूरा पैकेज तो है, लेकिन इससे पहले रोग की पुष्टि के लिए जरूरी जांच का नहीं। यह पेचीदगी तब देखने को मिली जब एलएलआर (हैलट) अस्पताल में गले की तकलीफ झेल रहे एक मरीज की बायोप्सी जांच इसलिए नहीं हो पा रही है कि इसका पैकेज नहीं है। जांच के लिए पैकेज न होने पर अस्पताल के नोडल अफसर ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने मरीज के तीमारदारों को सीएमओ के पास भेजा है। यह प्रकरण सामने आने के बाद अन्य बीमारियों की पुष्टि के लिए जांच में भी असमंजस सामने आ सकता है।
आंबेडकरनगर के रामपुर सराय निवासी हरी लाल (53) आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के लाभार्थी हैं। गले में दिक्कत है। ठीक से सांस नहीं ले पा रहे। एलएलआर अस्पताल के ईएनटी ओपीटी में विभागाध्यक्ष डॉ. एसके कनौजिया को दिखाया तो पाया गया कि गले में अवरोध से सांस फूल रही। डॉ. कनौजिया ने सीटी डाल दी। गले के टिश्यू बायोप्सी जांच के लिए भेज दिए। अब गले का आपरेशन होना है। इसलिए हरी लाल आयुष्मान योजना के तहत भर्ती हुए हैं। गले के टिश्यू का नमूना लेकर दोबारा बायोप्सी जांच के लिए भेजा गया है। इसका पैकेज तय करने को आयुष्मान के नोडल अफसर डॉ. एसके सिंह को जानकारी दी है। नोडल अफसर ने जब सांची (स्टेट एजेंसी फार काम्प्रीहेंसिव हेल्थ एंड इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज) के सेंटर से संपर्क किया तो बायोप्सी जांच पर पेच फंस गया। सेंटर की लिस्ट में बायोप्सी जांच का जिक्र ही नहीं है। नोडल अफसर डॉ. एसके सिंह का कहना है कि बायोप्सी कैंसर की जांच है। आयुष्मान योजना में इसका पैकेज नहीं है। इसलिए मरीज का मामला फंस गया है।
--
एक्सपर्ट कमेंट
मरीज के गले में दिक्कत है। योजना शुरू होने से पहले उसके गले में सीटी डाली गई थी। अब आपरेशन होना है। इससे पहले बायोप्सी जांच कराई जानी है। जूनियर रेजीडेंट ने बायोप्सी जांच कराने से पहले नोडल अफसर को सूचना दी थी। आयुष्मान योजना की लिस्ट में इसका जिक्र ही नहीं है। ऐसे में अपने स्तर से ही उसकी जांच करा रहे हैं।
- डॉ. एसके कनौजिया, विभागाध्यक्ष, ईएनटी, जीएसवीएम।
आयुष्मान भारत में कैंसर के इलाज और आपरेशन का पैकेज हैं, उसकी जांच का नहीं। अगर किसी लाभार्थी में कैंसर का संदेह है तो उसकी पुष्टि के लिए होने वाली जांच की व्यवस्था आयुष्मान भारत में शामिल नहीं है।
- डॉ. एमपी मिश्रा, निदेशक, जेके कैंसर संस्थान।