पटियाला में प्रशिक्षण लेने को आज कानपुर से रवाना होंगी स्वाति, जूनियर नेशनल कामनवेल्थ में भारोत्ताेलन के लिए हुआ चयन
भारोत्तोलन में 87 किग्रो भारवर्ग से अधिक श्रेणी की खिलाड़ी स्वाति अक्टूबर में होने वाली सिंगापुर कामनवेल्थ जूनियर में भारतीय भारोत्तोलन टीम से खेलेंगी। आर्थिक तंगी व संसाधन की कमी के बावजूद स्वाति यादव पटियाला हुई राष्ट्रीय भारोत्तोलन के 87 किग्रा भारवर्ग में स्वाति ने कांस्य पदक जीता था।
कानपुर, जेएनएन। टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली भारोत्तोलन खिलाड़ी मीराबाई चानू के नक्शे कदम पर चलकर शहर की स्वाति राष्ट्रीय भारोत्तोलन में कांस्य पदक झटक चुकी हैं। अब वे अंतरराष्ट्रीय फलक पर शहर का नाम रोशन करने के लिए तैयारी करेंगी। स्वाति पटियाला में एक माह तक चलने वाले भारोत्तोलन के विशेष प्रशिक्षण शिविर में खुद को साबित करेंगी। जो इससे पहले शहर का कोई खिलाड़ी हासिल नहीं कर सका।
भारोत्तोलन में 87 किग्रो भारवर्ग से अधिक श्रेणी की खिलाड़ी स्वाति अक्टूबर में होने वाली सिंगापुर कामनवेल्थ जूनियर में भारतीय भारोत्तोलन टीम से खेलेंगी। आर्थिक तंगी व संसाधन की कमी के बावजूद स्वाति यादव पटियाला हुई राष्ट्रीय भारोत्तोलन के 87 किग्रा भारवर्ग में स्वाति ने कांस्य पदक जीता था। जिसके आधार पर उसका चयन सिंगापुर में 18 से 24 अक्टूबर तक होने वाले कामनवेल्थ जूनियर एंड यूथ भारोत्तोलन प्रतियोगिता के लिए हुआ है। वे सिंगापुर रवाना होने से पहले पटियाला स्थित नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स में एक माह तक चलने वाले विशेष प्रशिक्षण कैंप का हिस्सा बनने के लिए मंगलवार को रवाना हुईं हैं। कोच राघवेंद्र सिंह ने बताया कि स्वाति खेलो इंडिया में रजत पदक और पांच स्टेट तथा दो राष्ट्रीय पदक जीत चुकीं हैं। आर्थिक तंगी के कारण बिरहाना रोड स्थित अखाड़े में लड़कों के बीच कोच के मार्गदर्शन में तैयारी की। मालरोड में किराए के कमरे में रहने वाली स्वाति ग्रीनपार्क में भी भारोत्तोलन का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं हैं।
शुक्लागंज निवासी चट्टा संचालक महेश यादव व कृष्णा यादव की सबसे बड़ी बेटी स्वाति ने संसाधन के अभाव व आर्थिक तंगी के बीच सफलता की इबारत लिख रहीं हैं। कभी राष्ट्रीय भारोत्तोलन में ट्रेन का किराया नहीं होने व भूखे पेट खेलने वाली स्वाति के अब सिंगापुर कामनवेल्थ में चयन पर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है।