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    Third Wave Of COVID-19: IIT कानपुर के सीनियर साइंटिस्ट का दावा- प्रभावी नहीं होगी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर

    Third Wave Of COVID-19 वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका अब लगभग न के बराबरी ही है। आइआइटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने महामारी को लेकर नई स्टडी गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर जारी की है।

    By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 08:27 AM (IST)
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    प्रोफेसर मणीन्द्र के छह दावे सही साबित हुए थे।

    कानपुर, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के काफी परेशान देश के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका न के बराबर है। आइआइटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने यह दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की संभावना लगभग शून्य के बराबर है। इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर प्रोफेसर मणीन्द्र के छह दावे सही साबित हुए थे।

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    देश तथा प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका अब लगभग न के बराबरी ही है। आइआइटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने महामारी को लेकर नई स्टडी गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर जारी की है। इस स्टडी के मुताबिक संक्रमण अब लगातार कम होगा। देश में फिलहाल उत्तर प्रदेश बिहार, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के कुछ राज्य कोरोना वायरस संक्रमण से से लगभग मुक्ति की ओर हैं।

    प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल की स्टडी के अनुसार अक्टूबर तक देश में कोरोना के एक्टिव केस करीब 15 हजार तक सिमट जाएंगे। तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, असम, अरुणाचल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में नए संक्रमित आते रहेंगे, लेकिन उत्तर तथा पश्चिमी भारत में असर लगातार कम होगा। प्रोफेसर अग्रवाल लगातार अपनी स्टडी रिपोर्ट को जारी कर केंद्र तथा राज्य सरकारों को अलर्ट करते रहे हैं। इससे पहले भी दूसरी लहर का इनका दावा काफी हद तक सही भी साबित हुआ। उन्होंने अक्टूबर तक अपनी नई रिपोर्ट जारी कर दावा किया कि तीसरी लहर की आशंका लगभग शून्य है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक अक्तूबर तक उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस इकाई तक पहुंच जाएंगे।

    पहले के सभी दावे सच

    तीसरी लहर की आशंका को लेकर वैज्ञानिक लगातार चिंता जताने के साथ अलग-अलग दावे कर रहे थे। प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल दूसरी लहर के बाद मई से ही कह रहे थे कि थर्ड वेव प्रभावी नहीं होगी। यह दूसरी लहर से काफी कमजोर रहेगी। उन्होंने मई में ही दावा किया था कि वैक्सीनेशन ठीक से हुआ और लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया तो तीसरी लहर न के बराबर रहेगी।

    इससे पहले भी प्रोफेसर अग्रवाल ने दावा किया था कि गांव में कोरोना संक्रमण बहुत अधिक नहीं फैलेगा। उनका दावा था कि चुनाव या कुंभ से कोरोना महामारी नहीं फैलती है। उनका दावा था कि लॉकडाउन प्रभावी होने पर अचानक केस कम होंगे। इसके साथ ही उनकी रिपोर्ट के अनुसार दूसरी लहर में संक्रमण का पीक लगभग सच साबित हुआ। इसके बाद उनका दावा था कि कोविड की दूसरी लहर मई से कमजोर होने लगेगी। उन्होंने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है और दावा किया कि अब तो तीसरी लहर की आशंका लगभग शून्य है।

    14 सितंबर तक रह सकते 20 हजार केस

    देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका कम हो गई है। 14 सितंबर तक संक्रमण के केस घटकर 20 हजार तक हो सकते हैं। दावा आइआइटी के विशेषज्ञों ने गणितीय माडल सूत्र के आकलन से किया है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने ट्विट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने जल्द ही दोबारा से संक्रमित होने वालों के केस का अनुमान लगाने की बात कही है।

    कोरोना संक्रमण की पहली लहर में प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम ने गणितीय माडल विकसित किया। इसका नाम सूत्र रखा गया है। इसमें संक्रमण, पीक और सही होने वालों का आकलन किया जाता है। माडल से औसत सात दिनों के केस पर शोध कर अनुमान लगाया जाता है। इसका अब तक का आकलन बिल्कुल सही साबित हुआ है।

    बंदी के प्रतिबंध को हटाने पर सराहा

    प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने साप्ताहिक बंदी के प्रतिबंध को हटाने की सराहना की है। उनके मुताबिक केस का कम होना संक्रमण की रफ्तार धीमी होकर नीचे आने की ओर इशारा कर रहे हैं। समय के साथ यह संभावित तीसरी लहर के शिखर को और कम करता जा रहा है।

    टीके में तेजी का मिलेगा लाभ

    प्रोफेसर अग्रवाल के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और वैक्सीनेशन का काफी लाभ मिलता दिख रहा है। दूसरी लहर के बाद अधिकतर लोगों में हार्ड इम्युनिटी बन गई है। वहीं तेजी से चल रहे टीका अभियान का प्रभाव भी महामारी को रोकने में कारगर रहेगा।