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    राजा होकर भी ऋषि थे छत्रपति शाहू जी महाराज

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:24 AM (IST)

    छत्रपति शाहू जी महाराज राजा होकर भी ऋषि थे इसलिए उन्हें 100 साल पहले कानपुर में ही राजर्षि की उपाधि दी गई।

    राजा होकर भी ऋषि थे छत्रपति शाहू जी महाराज

    जागरण संवाददाता, कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज राजा होकर भी ऋषि थे, इसलिए उन्हें 100 साल पहले कानपुर में ही 'राजर्षि' की उपाधि दी गई। रविवार को यह बातें राज्यपाल राम नाईक ने कहीं। उन्होंने छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में दीनदयाल शोध केंद्र व छत्रपति शाहू जी महाराज स्मृति मंच की ओर से हुए राजर्षि उपाधि शताब्दी समारोह में वीडियो के द्वारा अपना संबोधन दिया।

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    उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज ने हमेशा समाज को शिक्षित करने का काम किया, साथ ही पुरुषों के साथ ही महिलाओं के लिए भी समानता का व्यवहार किया। जो आरक्षण की बात होती है, उसका प्रारंभ छत्रपति शाहू जी महाराज ने किया। मुख्य वक्ता साहित्यकार डॉ. सुनील कुमार लवटे ने कहा छत्रपति शाहू जी महाराज ने राजा के पद का प्रयोग प्रजाहित के लिए किया। अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व प्रमुख सचिव विजय सिंह ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज को राजर्षि उपाधि देने का संदेश कुर्मी क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने उनके पास जैसे ही भेजा, वैसे ही इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया था। छत्रपति शाहूजी महाराज स्मृति मंच के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज ने दलित व शोषित वर्ग के लोगों का उत्थान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएसजेएमयू की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने की। संचालन दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक डॉ. श्याम बाबू गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में छत्रपति शाहू जी महाराज स्मृति मंच की ओर से तैयार पुस्तिका का विमोचन किया गया साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने पर हरिश्चंद्र पटेल, धनीराम पैंथर समेत कई लोगों को सम्मानित भी किया गया। यहां डॉ. आरसी कटियार, प्रो. संजय स्वर्णकार, अरुण कुमार पटेल, पारसनाथ मिश्रा, डॉ. मनोज अवस्थी आदि मौजूद रहे।

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    जहां ज्यादा मतदान, वहां के अफसर होंगे सम्मानित

    राज्यपाल राम नाईक ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव का मौसम चल रहा है। जनतंत्र के इस महोत्सव में सभी को उत्साह के साथ शामिल होना चाहिए। बोले जिन लोकसभा व विधानसभा में फीसद के आधार पर सबसे अधिक मतदान होगा, वहां के रिटर्निग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निग ऑफिसर, पोलिंग ऑफिसर, पोलिंग एजेंट व निर्वाचित होने वाले सदस्यों का वह राजभवन में अभिनंदन करेंगे।