Tattoo गुदवाने वाले रहें सावधान वरना हो सकते HIV और Hepatitis के संक्रमण का शिकार, इन बातों का रखें ध्यान
कानपुर में 200 से 500 रुपये में साधारण दुकानों पर टैटू बनाए जाते हैं। टैटू बनवाते समय जरा सी असावधानी से एचआइवी हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण में आने की आशंका रहती है। इसलिए जरूरी सावधानी रखना जरूरी है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। टैटू Tattoo बनवाने के शौकीन हैं तो जरा संभलकर। छोटी सी चूक एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और सी जैसी बड़ी बीमारी को न्योता दे सकती है। इसकी वजह टैटू बनवाने वालों को शायद न पता हो।
दरअसल, टैटू Tattoo गोदने वाली सुई काफी महंगी होती है। ऐसे में टैटू आर्टिस्ट अधिक से अधिक कमाई के फेर में सुई बदलते ही नहीं। उसे अच्छी तरह स्ट्रेलाइज (वायरस-बैक्टीरिया मुक्त) भी नहीं कराते। इस तरह, अगर टैटू बनवाने वाला कोई व्यक्ति एचआइवी या हेपेटाइटिस बी व सी संक्रमित है तो उससे संक्रमित सुई के जरिये दूसरे लोग भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
हाल में वाराणसी में इसी तरह टैटू Tattoo बनवाने से 12 लोग एचआइवी संक्रमण की चपेट में आ गए। ऐसे में डाक्टर की सलाह है कि टैटू बनवाने जाएं तो नई पैकिंग खुलवाकर अपने सामने ही सुई जरूर बदलवाएं।
तेजी से बढ़ा चलन : नामचीन खिलाड़ियों और सिने अभिनेता-अभिनेत्रियों को देखकर विगत कुछ वर्षों में युवाओं में टैटू बनवाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यही वजह है कि जगह-जगह टैटू गोदने की दुकानें खुल गई हैं। हालांकि लड़कों की अपेक्षा युवतियों में इसका क्रेज ज्यादा है। टैटू बनवाने के उतावलेपन की वजह से अपनी सुरक्षा को लेकर अंजान रहते हैं।
शहर के यहां बनाए जाते टैटू : स्वरूप नगर, सर्वोदय नगर, काकादेव, माल रोड, परेड, साकेत नगर, गोविंद नगर, रावतपुर, कल्याणपुर, किदवई नगर क्षेत्र में टैटू बनाने वालों की दुकानें हैं।
महंगा न पड़ जाए सस्ते का चक्कर : अगर आपको टैटू बनवाना है तो भूल कर भी सस्ते के चक्कर में न पड़ें। सड़क किनारे फुटपाथ पर खुली दुकानों पर अनट्रेंड (गैर प्रशिक्षित) लोगों से टैटू बनवाने से बचें। ऐसी दुकानों में चीनी सुई इस्तेमाल होती है।
रंगों की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती। टैटू बनाने वाला उपकरण भी दोयम दर्जे का होता है, जिससे त्वचा के क्षतिग्रस्त होने और एलर्जी का खतरा रहता है। एक सुई और रंग से कइयों को टैटू बनाते हैं, जिसमें कुल लागत 200 से 500 रुपये आती है।
महंगा है शौक : अच्छे सेंटर पर प्रोफेशनल (प्रशिक्षित) टैटू आर्टिस्ट होते हैं। यहां सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाता है। टैटू बनाने के बाद उपकरणों को स्ट्रेलाइज किया जाता है। रंग, उपकरण और सुई भी उच्च गुणवत्ता के होते हैं। ऐसी जगहों पर 500 रुपये प्रति स्क्वायर इंज के हिसाब से टैटू बनाने का चार्ज लिया जाता है। रंग का चार्ज अलग होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- टैटू बनाने के बाद इस्तेमाल सुई को अपने सामने नष्ट करा दें।
- टैटू बनवाने जाएं तो अपने सामने सुई बदलवाएं, उसकी पैकिंग सामने खुलवाएं।
- पैकिंग खुलवाने के बाद सुई को अच्छी तरह से स्ट्रेलाइज भी करा लें।
- टैटू बनाने में इस्तेमाल होने वाले रंग उच्च गुणवत्ता व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों।
- टैटू बनाते समय आर्टिस्ट को हाथ में ग्लब्स पहने होना चाहिए।
इन बीमारियों का खतरा : एचआइवी संक्रमण, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, त्वचा में एलर्जी, त्वचा क्षतिग्रस्त होने का खतरा।
टैटू बनवाते समय त्वचा छिल जाती है। इस वजह से टैटू की सुई शरीर के ब्लड और प्लाज्मा के संपर्क में आ जाती है। अगर सुई से एक से अधिक व्यक्ति को टैटू बनाया जाता है तो एक-दूसरे के गंभीर बीमारी से संक्रमित होने का खतरा है। ऐसे में एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और सी से दूसरे के संक्रमित होने का भी खतर रहता है। - डा. मनीष सिंह, न्यूरो सर्जरी, विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।

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