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    ताइक्वांडो खेल अच्छा और जरूरी भी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 06 Jul 2018 01:17 AM (IST)

    ताइक्वाडो खेल जितना अच्छा है उतना ही यह जरूरी भी है। हर किसी को यह खेल सीखना व खेलना चाहिए, खास तौर से लड़कियों को। यह उन्हें खेल में तो आगे बढ़ाता ही है साथ ही आत्मरक्षा के लिए भी तैयार करता है।

    ताइक्वांडो खेल अच्छा और जरूरी भी

    जागरण संवाददाता, कानपुर : ताइक्वाडो खेल जितना अच्छा है उतना ही यह जरूरी भी है। हर किसी को यह खेल सीखना व खेलना चाहिए, खास तौर से लड़कियों को। यह उन्हें खेल में तो आगे बढ़ाता ही है साथ ही आत्मरक्षा के लिए भी तैयार करता है। अपनी रक्षा के लिए लड़कियों को किसी से मदद की गुहार नहीं लगानी पड़ेगी। यह कहना है ताइक्वांडो की नेशनल प्लेयर और शहर की सुरभि यादव का।

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    शहर के कल्याणपुर गूबा गार्डन निवासी सुरभि यादव ने कहा कि वर्ष 2005 में ताइक्वाडो खेलना शुरू किया तो घर से लेकर मोहल्ले में हर कोई विरोध कर रहा था। पिता रघुवीर सिंह यादव जो कि बदायूं जेल में डिप्टी जेलर हैं उनका भी मन नहीं था कि मैं ताइक्वांडो खेलूं मगर जब मैंने पदक जीतने शुरू कर दिए तब उनकी न हामी में बदल गई। तबसे लेकर अब तक डिस्ट्रिक्ट से लेकर स्टेट व नेशनल तक कई प्रतियोगिताएं खेलते हुए पदक जीते। सुरभि ने 2008 में पहला स्टेट, 2010 में ब्लैक बेल्ट का एक्जाम दिया, 2011 में नेशनल गेम्स में ब्रांज मेडल जीता, तबसे लेकर अब तक 8 नेशनल खेले, जिसमें 2 बार ब्रांज और एक सिल्वर मेडल जीता। सुरभि यादव का मानना है हर बालिका खुद को सशक्त बनाए और इसके लिए वह ताइक्वांडो व जूडो जैसे खेल सीखे। नेशनल तक खेल चुकी सुरभि अब एनआइएस कोच बनने की तैयारी में हैं। वह साथ ही कानपुर विश्वविद्यालय से बीपीएड भी कर रही हैं।

    उपलब्धियां::

    -34 वें नेशनल गेम्स 2011 झारखंड में ब्रांज मेडल

    -ताइक्वाडो फेडरेशन आफ इंडिया 2014 भोपाल में ब्रांज मेडल

    -36वीं सीनियर यूपी स्टेट ताइक्वाडो चैंपियनशिप 2017 में गोल्ड मेडल