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    महिला आत्महत्या केस में स्पष्टीकरण देने नहीं आया निलंबित इंस्पेक्टर, भेजा जाएगा बर्खास्तगी का नोटिस

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 10:27 AM (IST)

    उन्नाव के निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बर्खास्तगी का नोटिस भेजा जाएगा। उन पर एक महिला को प्रताड़ित करने और उसकी आत्महत्या के मामले में दोषी पाए जाने का आरोप है। इसके अतिरिक्त, उन पर भूमाफिया और अपराधियों से साठगांठ करने के भी आरोप हैं, जिसके चलते उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया था। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की जा रही है।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी के स्पष्टीकरण देने का शनिवार को आखिरी दिन था लेकिन वह नहीं आया। अब रविवार को इंस्पेक्टर और निलंबित दारोगा रानू रमेश चंद्र को बर्खास्तगी का नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।

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    दोनों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई साढ़े तीन साल पहले पुलिस की प्रताड़ना पर एक महिला के वन स्टाप सेंटर में आत्महत्या करने की जांच में दोषी होने पर की जा रही है।

    इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी के थाना नवाबगंज और थाना फजलगंज के प्रभारी पद पर नियुक्ति के दौरान भूमाफिया और अखिलेश दुबे व उसके गिरोह से साठगांठ व भूमिका की संलिप्तता के साक्ष्य मिले थे, जिसके बाद उन्हें अगस्त में निलंबित कर दिया गया था। इसमें विभागीय जांच तो चल ही रही थी, चार अन्य जांचें भी चल रही थीं। इसमें वर्ष 2022 में चोरी के आरोप में एक किशोरी और उसकी मां को पूछताछ के लिए उठाने और प्रताड़ित कर वन स्टाप सेंटर भेज दिया था, जहां मां ने फंदा लगाकर जान दे दी थी।

    राज्य महिला आयोग के आदेश पर तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने पहले प्रारंभिक फिर विभागीय जांच कराई तो इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी और नवाबगंगज थाने के तत्कालीन जागेश्वर चौकी प्रभारी रानू रमेश चंद्र दोषी निकले। उनके दोषी पाए जाने पर दोनों को सेवा से बर्खास्त करने का नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था।

    उन्होंने एक माह का समय मांगा था लेकिन दो नवंबर को उन्हें नोटिस भिजवाकर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए थे। शनिवार को समय पूरा हो गया, पर उनका जवाब नहीं आया। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय विनोद कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को बर्खास्त करने का नोटिस जारी किया जाना है।

    ये वजह बनी बर्खास्तगी की

    उन्नाव के मगरवारा निवासी किशोरी एनआरआइ सिटी में एक कारोबारी के घर काम करती थी। 17 अप्रैल 2022 को कारोबारी के घर से सोने व हीरे के जेवरात चोरी हुए थे।

    तत्कालीन नवाबगंज थाना प्रभारी आशीष द्विवेदी और जागेश्वर चौकी प्रभारी रहे रानू रमेश चंद्र ने किशोरी और उसकी मां को घर से उठाकर थाने में पूछताछ की। देर रात उन्हें स्वरूप नगर स्थित वन स्टाप सेंटर में जबरन रखवाया। अगले दिन ही मां ने वन स्टाप सेंटर के बाथरूम में फंदा लगा जान दे दी थी।

    163 दागदार पुलिसकर्मियों की चल रही विभागीय जांच

    कानपुर : कमिश्नरेट में पुलिसकर्मियों की छवि में कोई सुधार नहीं हो रहा है। भूमाफिया और अपराधियों को संरक्षण देने तो किसी पर विवेचना में लापरवाही, मारपीट, छेड़छाड़ व दुष्कर्म, पाक्सो जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं। बीते एक साल में इस तरह से कई पुलिसकर्मी दागदार हुए।

    यहां तक गांजा तस्करों को संरक्षण देने व क्राइम ब्रांच अधिकारी बन लूटपाट कर जेवर हड़पने जैसे मामलों में कई पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के साथ ही जेल भी भेजा जा चुका है तो कई फरार हैं। पुलिस विभाग के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2025 के प्रारंभ में 108 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न आरोप लगे, जिनकी पुलिस नियमावली 14 (2) के तहत विभागीय जांच शुरू हुई रही थी।

    हालांकि बाद में इनकी संख्या 136 हो गई, जिसमें 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच निस्तारित की जा चुकी है। अब 123 पुलिसकर्मियों की जांच चल रही है। इसी तरह से 14 (1) के तहत इस वर्ष के प्रारंभ में 42 पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच शुरू हुई थी लेकिन बाद में तीन की और बढ़ गई। ऐसे में 45 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच में पांच जांचें निस्तारित हो गईं लेकिन अब भी 40 पुलिसकर्मियों की 14 (1) के तहत जांच चल रही है।

    14(1) में ये हो सकती दंडात्मक कार्रवाई

    इसमें दोषी मिलने पर पुलिस सेवा से बर्खास्तगी या रिन्यूवल की कार्रवाई की जा सकती है। रिन्यूवल में वह कहीं और आवेदन कर सकता है, जबकि बर्खास्तगी में कहीं और आवेदन नहीं कर सकता। न्यूनतम वेतनमान या इंक्रीमेंट की भी कार्रवाई की जा सकती है।

    14 (2) में ये हो सकती कार्रवाई

    इसमें बड़ी कार्रवाई नहीं करते हैं। दोषी मिलने पर शर्मिंदा करने, पुन: लापरवाही न होने की चेतावनी, वेतन कटौती जैसी कार्रवाई की जा सकती है।