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    Suresh Raina's Birthday: कानपुर से रैना का रहा है विशेष नाता, बेहतर ऑलराउंडर होने का गवाह है ग्रीनपार्क

    By ShaswatgEdited By:
    Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:22 AM (IST)

    भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज रहे सुरेश रैना का कानपुर से विशेष लगाव रहा। आज 34 वर्ष के हो गए रैना प्रथम श्रेणी में ग्रीनपार्क खूब में खूब चला बल्ला। सुरेश रैना हमेशा जूनियर व साथी खिलाड़ियों को सिखाने में ललायित रहते हैं।

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    उप्र के स्टेट पैनल ए पी सिंह के साथ क्रिकेटर सुरेश रैना।

    कानपुर, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम को बुलंदियों तक पहुंचाने में उप्र के क्रिकेटरों का योगदान हमेशा रहा है। भारतीय टीम में उप्र से सबसे सफल खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाने वाले बल्लेबाज सुरेश रैना का आज 34 वां जन्मदिन है। वे कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी के सबसे भरोसेमंद साथी और टीम के सबसे बेहतरीन फिल्डरों में शुमार रहे। दिग्गज बल्लेबाज का कानपुर से विशेष नाता रहा है। उन्होंने यहां से जूनियर क्रिकेट व सीनियर क्रिकेट में खूब जलवा दिखाया। पिछले दिनों उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के साथ संन्यास लेकर क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। 

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    उत्तर प्रदेश रणजी टीम में बताैर ओपनर बल्लेबाज अलमास के मुताबिक सुरेश रैना हमेशा जूनियर व साथी खिलाड़ियों को सिखाने में ललायित रहते हैं। वे मैदान में नेट्स पर बल्लेबाजी की बारीकियों से परिचित कराने के साथ उन्हें कलात्मक शैली के ज्ञान से रूबरू कराते हैं। अलमास ने बताया कि जब उन्होंने रैना की कप्तानी में 2017-18 में ग्रीनपार्क में पंजाब के खिलाफ 78 रन और तमिलनाडु के खिलाफ 81 रन बनाकर उप्र को मजबूत किया था। तब सुरेश रैना ने उनकी बल्लेबाजी की जमकर तारीफ की थी।

    बेहतर फील्डिंग पर हमेशा रहता था फोकस 

    शहर के पूर्व क्रिकेटरों के मुताबिक रणजी टीम में उत्तर प्रदेश के कप्तान रहते हुए उनका फोकस गेंदबाजी और बल्लेबाजी के साथ क्षेत्ररक्षण पर रहता था। वे हर खिलाड़ी को क्षेत्ररक्षण में निपुण कर टीम के लिए रन बचाने की बात कहते थे। ग्रीनपार्क में खुद रणजी कैंप के दौरान क्षेत्ररक्षण का विशेष सत्र लगाकर साथी खिलाड़ियों को अभ्यास कराते थे। 

    ग्रीनपार्क के हैं दीवाने 

     स्टेट पैनल एंपायर एपी सिंह के मुताबिक वर्ष 2000 में सुरेश रैना अंडर-15 मैच के दौरान से ही जलवा दिखाया। उनको शुरू से ही ग्रीनपार्क मैदान खूब भाता रहा है। कभी भी दबाव में बल्लेबाजी नहीं करते लक्ष्य बड़ा हो या छोटा वह हमेशा नेचुरल गेम खेल कर ही टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचाते रहे। एक बेहतर क्रिकेटर के रूप में दिलीप ट्रॉफी रणजी ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन अन्य खिलाड़ियों की अपेक्षा हमेशा बेहतर रहा। उन्होंने बताया कि सबसे खास उनका हंसी-ठिठोली वाला मिजाज। जो जूनियरों को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करता और साथी खिलाड़ियों को मैच के तनाव से उभारने में मददगार साबित होता रहा है। 

    क्रिकेट में रैना ने बनाई अलग पहचान 

    एक दिवसीय, टेस्ट और फटाफट फाॅर्मेट के मैचों में रैना का कोई जोड़ नहीं है। उन्होंने 226 एकदिवसीय, 78 टी-20 और 18 टेस्ट मैच खेले हैं। रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छह शतक, 48 अर्धशतक जमाएं हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के नाम एकदिवसीय में 5615, टी-20 में 1605 और टेस्ट में 768 रन हैं। ग्रीनपार्क में खेले प्रथम श्रेणी क्रिकेट में रैना का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा है।