आरटीओ प्रवर्तन रहीं सुनीता वर्मा आयकर अधिकारियों को नहीं दिखा सकीं सास का वसीयतनामा
पति डीके वर्मा संग आयकर भवन बयान दर्ज कराने पहुंचीं देर से पहुंचने की वजह से बयान पूरे न हो सके 18 को फिर बुलाया।
By AbhishekEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 10:22 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर में आरटीओ प्रवर्तन रहीं सुनीता वर्मा सोमवार को आयकर अधिकारियों के सामने अपनी सास माया देवी को मिली संपत्ति के संबंध में कोई वसीयत नहीं दिखा सकीं। वह आयकर कार्यालय में अपने पति डीके वर्मा के साथ बयान दर्ज कराने आई थीं।
दो वर्ष पहले आयकर विभाग ने सुनीता वर्मा के यहां छापा मारा था। इस छापे में विभाग को 1.25 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी। नोट बंदी के मात्र छह माह के अंदर इतनी बड़ी मात्रा में नकदी मिलने पर आयकर ने इस रकम को बेनामी मानते हुए कार्रवाई शुरू की थी। बीच में सुनीता वर्मा ने आयकर अधिकारियों को बताया था कि उनकी सास को अपने मायके से सोने के सिक्के मिले थे। उन्हें बेचा गया था जिससे ये रकम मिली थी। आयकर अधिकारियों ने सुनीता वर्मा को अपनी सास को पेश करने के लिए कहा था।
साथ ही वह वसीयत दिखाने के लिए कहा था जिसके आधार पर उन्हें सोने के सिक्के मिले थे। उस सराफा कारोबारी को भी पेश करने के निर्देश दिए थे, जिसने ये सोने के सिक्के खरीदे थे। सोमवार को सुनीता वर्मा वहां आईं तो लेकिन तीनों में कोई बात पूरी नहीं कर सकीं। वह आयकर विभाग द्वारा दिए गए समय पर भी नहीं पहुंची थीं, इसलिए उनके कुछ बयान ही लिये जा सके। उन्हें 18 को दोबारा आने के लिए कहा गया है।
दो वर्ष पहले आयकर विभाग ने सुनीता वर्मा के यहां छापा मारा था। इस छापे में विभाग को 1.25 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी। नोट बंदी के मात्र छह माह के अंदर इतनी बड़ी मात्रा में नकदी मिलने पर आयकर ने इस रकम को बेनामी मानते हुए कार्रवाई शुरू की थी। बीच में सुनीता वर्मा ने आयकर अधिकारियों को बताया था कि उनकी सास को अपने मायके से सोने के सिक्के मिले थे। उन्हें बेचा गया था जिससे ये रकम मिली थी। आयकर अधिकारियों ने सुनीता वर्मा को अपनी सास को पेश करने के लिए कहा था।
साथ ही वह वसीयत दिखाने के लिए कहा था जिसके आधार पर उन्हें सोने के सिक्के मिले थे। उस सराफा कारोबारी को भी पेश करने के निर्देश दिए थे, जिसने ये सोने के सिक्के खरीदे थे। सोमवार को सुनीता वर्मा वहां आईं तो लेकिन तीनों में कोई बात पूरी नहीं कर सकीं। वह आयकर विभाग द्वारा दिए गए समय पर भी नहीं पहुंची थीं, इसलिए उनके कुछ बयान ही लिये जा सके। उन्हें 18 को दोबारा आने के लिए कहा गया है।
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