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    दिल्ली से कानपुर आ रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस पर पथराव, 130 KMPH की रफ्तार से चल रही थी ट्रेन; दहशत में यात्री

    Updated: Tue, 23 Jan 2024 01:37 PM (IST)

    इटावा रेलवे स्टेशन से ट्रेन के निकलने के करीब 15 मिनट बाद एक पत्थर ई-वन कोच में एक खिड़की के शीशे जाकर लगा। जिस समय यह घटना हुई उस समय ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी। घटना को लेकर घटना को लेकर ट्रेन के यात्रियों में दहशत फैल गई। साथ चल रहे स्टाफ ने ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर इसकी जानकारी दी।

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    दिल्ली से कानपुर आ रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस पर पथराव (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, इटावा/कानपुर। दिल्ली से कानपुर आ रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के ई-वन कोच पर पथराव होने से सनसनी फैल गई। घटना सोमवार को करीब 1:45 बजे इटावा स्टेशन से ट्रेन के निकलने के बाद हुई। पत्थर लगने से कोच की एक खिड़की का शीशा टूट गया। हालांकि, किसी यात्री को चोट नहीं लगी।

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    उधर, आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक पथराव की घटना से इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि मालगाड़ी के गुजरने के दौरान ट्रैक से पत्थर उछलकर कोच के शीशे में जा लगा था।

    इटावा रेलवे स्टेशन से ट्रेन के निकलने के करीब 15 मिनट बाद एक पत्थर ई-वन कोच में एक खिड़की के शीशे जाकर लगा। जिस समय यह घटना हुई उस समय ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी। घटना को लेकर घटना को लेकर ट्रेन के यात्रियों में दहशत फैल गई।

    साथ चल रहे स्टाफ ने ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर इसकी जानकारी दी। हालांकि, स्टेशन अधीक्षक पीएम मीणा ने ऐसी किसी घटना से इन्कार किया है। आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि कानपुर से सूचना दी गई थी, मौके पर जाकर जांच की गई। किसी के द्वारा पत्थर फेंके जाने की बात सामने नहीं आई है।

    अप लाइन पर मालगाड़ी के गुजरने के कारण ट्रैक के किनारे पड़े पत्थरों में से एक पत्थर उछलकर शीशे पर जा लगा, जिसके कारण शीशा टूट गया। कानपुर सेंट्रल स्टेशन आरपीएफ थाना प्रभारी बीपी सिंह ने बताया कि इटावा आरपीएफ से सूचना मिलने पर ट्रेन के प्लेटफार्म संख्या नौ पर पहुंचने पर जांच की गई।

    सीट संख्या 29 पर बैठे यात्री ने बताया कि पत्थर शीशे से टकराया था। सीट संख्या सीट संख्या 25 व 26 के यात्री नहीं मिले। घटना के वक्त बगल से मालगाड़ी गुजरने की बात पता चली है। संभव है, उसी से पत्थर उछलकर लगा हो क्योंकि रेलकर्मियों ने भी किसी को पत्थर मारते देखने से इन्कार किया है। पथराव समेत दूसरे बिंदुओं पर जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।