Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kanpur News: 75 राजस्व निरीक्षकों की टीम, फिर भी नहीं दुरुस्त हो पा रहे मनमानी गृहकर बिल; सड़क पर उतरे व्यापारी

    Updated: Wed, 09 Oct 2024 09:11 PM (IST)

    कानपुर नगर निगम ने बिना किसी पूर्व सूचना के लोगों पर वर्ष 2022 से गृहकर बिल बढ़ाकर वर्ष 2024 के बिल के साथ जोड़कर भेज दिया है। इस मनमाने फैसले से लोगो ...और पढ़ें

    Hero Image
    मनमाने गृहकर बिल और नामांतरण शुल्क से जनता में आक्रोश (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, कानपुर। नगर निगम ने बिना कार्यकारिणी और सदन को बताए जनता पर वर्ष 2022 से गृहकर बिल बढ़ाकर वर्ष 2024 के बिल के साथ जोड़कर भेज दिया है। दो साल का बकाया बढ़े गृहकर के साथ आने से लोगों में आक्रोश है। वहीं तमाम लोगों के गड़बड़ बिल भेज दिए गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जनता के आक्रोश के बाद नगर निगम ने गड़बड़ वाले बिलों को ठीक कराने के लिए नगर निगम मोतीझील में शिविर लगाया है। अब तक सौ से ज्यादा शिकायतें आ चुकी है।

    नगर निगम में 75 राजस्व निरीक्षक तैनात

    मजे की बात यह है कि नगर निगम में 75 राजस्व निरीक्षक तैनात है इसके बाद भी लोगों को गड़बड़ वाले बिलों को ठीक कराने के लिए दौड़ना पड़ रहा है। कई राजस्व निरीक्षकी की जगह निजी कर्मचारी वार्ड कार्यालयों में बैठते है। इनकी गुपचुप ढंग से जांच की जाए तो खेल सामने आएगा।

    वहीं पूर्व पार्षद फोरम ने व्यापारियों से आह्वान किया है कि मनमाने गृहकर बिल और नयी संपत्ति के नामांतरण में डीएम सर्किल रेट का एक प्रतिशत नामांतरण शुल्क का विरोध करने के लिए साथ में मैदान पर उतरे। मामला दिनों दिन तूल पकड़ता जा रहा है। विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक व सलिल विश्नोई, विधायक सुरेन्द्र मैथानी ने शासन में मामला रखा है।

    नामांतरण के लिए बनायी जाएगी नीति

    नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि पूरे प्रदेश में नगर निगम में नामांतरण के लिए एक नीति बनायी जाएगी ताकि एक जैसा शुल्क हर जगह लिया जाए।

    पूर्व पार्षद फोरम के मदन लाल भाटिया, ललित श्रीवास्तव, ने कहा कि पूर्व पार्षदों की टीम एक-एक जोन और एक-एक वार्ड में जाएगी। काम न करने और जनता को दौड़ाने वाले राजस्व निरीक्षक को चिह्नित कर शासन को पत्र लिखा जाएगा।

    विजिलेंस टीम के बाद मची खलबली

    साथ ही जो निजी कर्मचारी लगाए है उनको भी चिह्नित किया जाए। जोन पांच में राजस्व निरीक्षक की शिकायत आने पर विजिलेंस की टीम गयी थी। इसके बाद खलबली मच गयी थी।

    पार्षद नवीन पंडित, सुहैल अहमद, अवधेश त्रिपाठी, कौशल मिश्रा, लियाकत अली ने कहा कि बिना जानकारी दिए दो साल का बकाया जोड़कर बढ़ा गृहकर भेज दिया है। इसको समाप्त किया जाए।

    साथ ही नामांतरण शुल्क के लिए एक नीति हो। जैसे पहले नामांतरण शुल्क लिया जाता था वैसे ही लिया जाए। नगर निगम ने सात अक्टूबर को सदन बुलाया था लेकिन बाद में स्थगित कर दिया गया। अब दशहरा के बाद बुलाया जाएगा।

    यह भी पढ़ें- UP By-Election: 'ये दुर्भाग्य है...' सपा की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव का पहला रिएक्शन