कानपुर : तीन घंटे आंखों में दबाए रखा आंसुओं का सैलाब, मासूम बेटा मिला तो फूट-फूटकर रोई मां
कानपुर के अनवरगंज स्टेशन पर मां-बेटे के मिलन का नजारा देखने वालों की भी आंखों में आंसू आ गए। कन्नौज से लेकर कानपुर तक मां ने अपनी आंखों में आंसुओं के सैलाब को दबाकर रखा था। वह बेटे के साथ सूरत से ट्रेन में सफर कर रही थी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। अनवरगंज स्टेशन पर तीन साल का मासूम बेटे मिला तो एक मां फूट फूटकर रोने लगी। उसे देखने वालों के आंखों में भी आंसू आ गए। दरअसल, कन्नौज से लेकर कानपुर तक उसने तीन घंटे तक अपनी आंखों में आंसुओं के सैलाब काे छिपा रखा था क्योंकि ट्रेन में सफर के दौरान मासूम बेटा बिछड़ गया था। उसकी आपबीती जिसने भी सुनी उसका भी दिल भावुक हो गया।
गुजरात के सूरत से लखनऊ जाने के लिए ज्योती सिंह ट्रेन संख्या 20921 बांद्रा-लखनऊ सुपरफास्ट एक्सप्रेस के एस-सात कोच की बर्थ नंबर 20 पर दोपहर पौने चार बजे सवार हुईं । ट्रेन रविवार की सुबह 10:52 बजे कन्नौज रेलवे स्टेशन पहुंची । पास में पानी खत्म होने पर वह तीन साल के बच्चे और सामान को छोड़कर स्टेशन पर पानी की बोतल खरीदने उतरीं । ट्रेन कन्नौज स्टेशन पर दो मिनट के लिए रूकती है ऐसे में बोतल खरीदने के दौरान ही ट्रेन चल दी ।ट्रेन छूटने के बाद वह स्टेशन पर चीख चीखकर रोने चिल्लाने लगीं ।
स्टेशन पर मौजूद दूसरे यात्री उन्हें स्टेशन मास्टर के पास ले गए । मामले की जानकारी के बाद स्टेशन मास्टर ने ट्रेन के रनिंग स्टाफ और अनवरगंज स्टेशन के स्टाफ को घटना की जानकारी दी । मैसेज मिलने पर ट्रेन के टीटीई और आरपीएफ स्टाफ ने बच्चे को बताए गए बर्थ नंबर पर पहुंचकर अपनी सुरक्षा में ले लिया और महिला से फोन पर भी बात कर उन्हे ढांढस बंधाया । ट्रेन दोपहर 12 बजे अनवरगंज स्टेशन पहुंची तो ट्रेन स्टाफ ने बच्चे को अनवरगंज स्टेशन में रेलवे स्टाफ के सुपुर्द कर दिया ।
उधर, स्टेशन मास्टर ने ज्योति को फर्रुखाबाद-कानपुर स्पेशल ट्रेन में बिठाया तो वह दोपहर दो बजे अनवरगंज स्टेशन पहुंची । भागी भागी रेलवे अधिकारियों के पास पहुंची और बेटे को देखते ही उसे सीने से लगा लिया और फूटकर रो पड़ी ।रेलवे स्टाफ की मदद से यहां से वह लखनऊ के लिए रवाना हुईं ।

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