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    970 करोड़ रुपये की ठगी मामले में सोनू सूद को तीसरा नोटिस, एक ही लाइसेंस पर कई कंपनियां बनाकर चलाता था महाठग

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 01:42 PM (IST)

    970 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में सोनू सूद को तीसरा नोटिस जारी किया गया है। आरोप है कि महाठग एक ही लाइसेंस पर कई कंपनियां चला रहा था। यह मामला जीएसट ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। 10 देशों के एक हजार से ज्यादा लोगों से 970 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले महाठग रवींद्रनाथ सोनी के खिलाफ शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब तक उसके खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें दो मुकदमों में ठग के साथी अभिनेता सूरज जुमानी भी आरोपी हैं।

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    मंगलवार को महिला समेत तीन पीड़ितों ने भी पुलिस आयुक्त से मिलकर मामले में तहरीर दी। वहीं, एसआइटी की जांच में एक और बात सामने आई कि महाठग के पास चार-पांच ही कंपनियों के लाइसेंस हैं, लेकिन वह हर एक लाइसेंस से कंपनी का नाम बदल चार से पांच कंपनियां बनाकर ठगी करता था।

    अधिकारियों का अनुमान है कि जिस तरह से पीड़ितों की संख्या बढ़ रही और उनकी ई-मेल आ रही है। पीड़ितों की संख्या 1500 से ज्यादा भी हो सकते हैं।

    वहीं, सोनू सूद, सूरज जुमानी और रेसलर खली को तीसरी नोटिस भेजी गई है। एसआइटी महाठग के देहरादून वाले घर से बरामद उपकरण और दस्तावेजों का विश्लेषण कर साक्ष्य एकत्रित कर रही है।

    दिल्ली के मालवीय नगर निवासी महाठग रवींद्र की शिकायत लेकर लखनऊ निवासी महिला पुलिस आयुक्त से मिलीं। उन्होंने बताया कि ब्लूचिप कंपनी में निवेश कराने के नाम पर रवींद्र और उसके साझेदारों ने उनसे भी लगभग 16 लाख रुपये की ठगी की थी।

    उनके मुताबिक, ब्लूचिप कंपनी में 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं, जिन्हें वेतन के साथ इंसेंटिव भी मिलता था, लेकिन ये इंसेंटिव ठगी की रकम जमा कराने के आधार पर बढ़ती जाती थी। पुलिस आयुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया। इसी तरह से बुलंदशहर के जहांगीराबाद के साखनी गांव निवासी साबित अली और वाराणसी के चंदौली निवासी अनुपम ने भी पुलिस आयुक्त को तहरीर दी।

    साबित अली ने बताया कि बेटा अकरम दुबई की एक कंपनी में पांच साल से काम कर रहा है। बेटे का ब्लूचिप कामर्शियल ब्रोकर कंपनी के डायरेक्टर रवींद्र और उसके साझेदार ने संपर्क हुआ था। उन लोगों ने 24 माह में रकम दोगुणी होने का झांसा देकर बेटे को जाल में फंसाया और लगभग 23.83 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद ब्लूचिप कंपनी बंद हो गई।

    पीड़ित अनुपम ने बताया कि वह 2023 से दुबई की एक आइटी कंपनी में कार्यरत हैं। दिसंबर,2023 में ब्लूचिप कामर्शियल ब्रोकर कंपनी के एक एजेंट सुजीत खोपे ने दोस्त के जरिए संपर्क किया। रुपये निवेश करने पर एक साल में 36 प्रतिशत लाभांश देने का वादा किया, जिसका एग्रीमेंट कंपनी के नाम से कराया गया।

    उन्होंने 11 लाख रुपये कंपनी में निवेश किए। एक माह लाभांश मिला, लेकिन उसके बाद कंपनी ही बंद हो गई। डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि रवींद्र के पास ब्लूचिप के नाम से चार-पांच कंपनियों के लाइसेंस हैं, लेकिन उसने हर एक लाइसेंस पर चार-पांच नई कंपनियां नाम बदलकर खोल दी थीं।

    ये पीड़ित अब तक दर्ज करा चुके मुकदमे

    परेड निवासी अब्दुल करीम ने 42,29,600 रुपये ठगी का पहला मुकदमा रवींद्र के खिलाफ जनवरी,2025 कोतवाली में कराया था। इसके बाद रवींद्र को गिरफ्तार कर एक दिसंबर को जेल भेजा गया, जिसके बाद लखनऊ के मूल निवासी कारोबारी अबरार सिद्दीकी ने 4.80 करोड़, प्रदीप कुमार सिंह ने 35 लाख, विशाल सिंह ने 84.90 लाख की ठगी का मुकदमा कराया।

    सोमवार रात हरियाणा के पलवल निवासी वासुदेव शर्मा ने 1.54 करोड़, रेवाड़ी के शिवनगर निवासी निवासी दीपक ने 26.50 लाख, हिमाचल के कांगड़ा के जवाली निवासी राजीव शास्त्री ने 31.85 लाख, गोरखपुर के गुलरिहा सहबाजगंज शिवपुर निवासी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने 44.97 लाख, गुजरात के राजकोट निवासी संगीता सावन कामदार ने लगभग 42 लाख, अमोल रजनी मिठानी ने लगभग 50 लाख की ठगी करने का आरोप लगा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।