कानपुर: गंगा कटरी में अवैध प्लाटिंग करने वालों की सूची तलब, बयान के बाद दर्ज हो सकता है मुकदमा
गंगा कटरी में भूमि की चौहद्दी का कोई पता नहीं है। एसडीएम सदर की ओर से उन्नाव के एसडीएम सदर को पत्र लिखकर संयुक्त रूप से नापजोख कराने के लिए कहा पर नापजोख नहीं हो सकी। ऐसे में वहां तय कर पाना कठिन है कि कौन सी भूमि किसकी है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। गंगा बैराज के कटरी शंकरपुर सराय, लोधवाखेड़ा व लक्ष्मीखेड़ा गांव के डूब क्षेत्र में अवैध रूप से प्लाटिंग करने वालों की सूची अब एसआइटी ने तलब की है। डीएम को भेजे पत्र में एसपी एसआइटी देवरंजन वर्मा ने सभी का नाम, पता, मोबाइल नंबर, कितनी भूमि पर उनके द्वारा प्लाटिंग की गई आदि जानकारियां मांगी हैं। इसी हफ्ते प्रशासन एसआइटी को जरूरी जानकारी भेजेगा। इसके बाद एसआइटी प्लाटिंग करने वालों को नोटिस जारी कर बुलाएगी। उनसे पूछा जाएगा कि आखिर उन्होंने किस आधार पर प्लाटिंग की, जब वहां भूमि की चौहद्दी की सही जानकारी उनके पास नहीं है।
गंगा कटरी में भूमि की चौहद्दी का कोई पता नहीं है। कई बार एसडीएम सदर की ओर से उन्नाव के एसडीएम सदर को पत्र लिखकर संयुक्त रूप से नापजोख कराने के लिए कहा, पर नापजोख नहीं हो सकी। ऐसे में वहां यह तय कर पाना कठिन है कि कौन सी भूमि किसकी है। कौन सी भूमि ग्राम समाज, केडीए या ङ्क्षसचाई विभाग की है। ऐसे में मानचित्र में भूमि कहीं और जबकि लोगों ने कब्जा कहीं और कर रखा है। जब भी कोई कास्तकार अपनी भूमि का बैनामा करता है तो वह जहां काबिज होता है, वहीं खरीदने वाले को कब्जा दे देता है। वहां बड़े पैमाने पर लोगों ने प्लाटिंग की और कुछ लोगों ने घर बनाना शुरू किया।
दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद केडीए और तहसील की टीम ने कब्जे हटवाए और डीएम ने एसआइटी जांच की संस्तुति की। अब एसआइटी ने अपनी जांच में पाया है कि चौहद्दी की जानकारी न होने से ही लोग जहां तहां काबिज हैं। रजिस्ट्री भी खूब हुईं और लोग बड़े पैमाने पर प्लाटिंग कर बेच रहे हैं। प्रशासन, केडीए या सिंचाई विभाग की ओर से भी कभी अपनी भूमि की चौहद्दी बनाने को लेकर कोई विशेष प्रयास नहीं किया गया। अब एसआइटी प्लाटिंग करने वालों को बुलाएगी। उनसे पूछताछ के लिए 12 से अधिक प्रश्न एसआइटी ने तैयार किए हैं।

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