Kanpur News: नारी सशक्तीकरण, विविधता में एकता संग जीवंत हुआ सावन
जागरण समूह के पूर्व अध्यक्ष स्व. योगेन्द्र मोहन गुप्त की 89वीं जन्मतिथि की पूर्व संध्या पर श्रावणी स्मृति संध्या समारोह आयोजित हुई। ललित कला अकादमी में हुए कार्यक्रम में नारी सशक्तीकरण विविधता में एकता संग सावन जीवंत हो उठा। मल्ला जाऊ देना घरी...मराठी लोकनृत्य ने भाषा विवाद के बीच मराठा संस्कृति बताई।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मंच पर बिखरी रंग-बिरंगी रोशनी, नारी सशक्तीकरण, भाषाओं-बोलियों की विविधता में एकता व हर प्रस्तुति पर सावन की जीवंतता के साथ शास्त्रीय संगीत, नृत्य, गायन व वादन संग गीतों, सुरों की रसधारा बही। संगीत की मधुर धुन सुनकर भाव में बहे दर्शकों की सभागार में थोड़ी-थोड़ी देर में तालियां गूंजती रहीं। मल्ला जाऊ देना घरी गीत के बोल संग मराठी लोकनृत्य ने भाषा विवाद के बीच मराठा संस्कृति की महत्ता बयां की। तप व समर्पण से शिव-पार्वती के बिछोह व मिलन ने भक्ति भाव जगाया। सृजन-सहनशीलता वाली नारी शक्ति के विविध अवतार दिखे।
पंचभूतम की प्रस्तुति ने धरती, जल, अग्नि, वायु व गगन की उपयोगिता बताते हुए लोगों को बड़ा संदेश दिया। कुछ ऐसी प्रस्तुतियों ने रविवार शाम रागेन्द्र स्वरूप सेंटर फार परफार्मिंग आर्ट्स सभागार सिविल लाइंस में आयोजित श्रावणी स्मृति संध्या समारोह में लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी अशोक नगर के प्रशिक्षु हर किसी के मन के रास्ते से दिल तक उतर गए। मौका था जागरण समूह के पूर्व अध्यक्ष स्व. योगेन्द्र मोहन गुप्त की 89वीं जन्मतिथि की पूर्व संध्या पर लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी एवं दैनिक जागरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आगमन-2025 समारोह का।
सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप सेंटर फार परफार्मिंग आर्ट्स सभागार में लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी एवं दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रावणी स्मृति संध्या में मुख्य अतिथि डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह (दाएं ) को स्मृति चिन्हृ देते अकादमी के अध्यक्ष सुनील गुप्त ( बाएं) । साथ में महासचिव डा.इंद्र मोहन रोहगती ( मध्य में ) । जागरण
महाराष्ट्र की धरती के लावणी सावन लोकनृत्य ने सावन की सतरंगी छटा बिखेरी। लावणी पारंपरिक गीत व नृत्य का एक संयोजन है, जिसकी प्रस्तुति विशेष रूप से ढोलकी, एक ताल वाद्य यंत्र की थाप पर होती है। भाषा विवाद के बीच मराठी लोकनृत्य की प्रस्तुति से प्रशिक्षुओं ने महाराष्ट्र की संस्कृति से जुड़ाव महसूस कराया। जय गणेश गिरिजा सुवन...पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति से गणेश वंदना व स्तुति की गई।
सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप सेंटर फार परफार्मिंग आर्ट्स सभागार में लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी एवं दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रावणी स्मृति संध्या में प्रस्तुति देते छात्र। जागरण
स्व. योगेन्द्र मोहन गुप्त की कविता छिपे हो तुम कहां गगन की ओट में ओ मीत मेरे...को संगीत के सुरों में बच्चों ने पिरोया तो सभी वाह-वाह कर उठे। महिला प्रतिभागियों ने नन्हीं-नन्हीं बुंदियां रे सावन का मेरा झूलना... गीत से सावन के उल्लास व उत्साह को दिखाया। आशुतोष शशांक शेखर चंद्रमौलि चिदंबरा की प्रस्तुति से सावन माह में भगवान शिव की स्तुति कर माहौल शिवमय कर दिया। हर-हर महादेव के जयकारे लगे। राग यमन में ऐ री आली पिया बिन सखी...गीत से स्वर लहरियां बहीं।
समारोह में आकर्षण का केंद्र पंचमहाभूतम कथक नृत्य नाटिका रही। इसमें छात्राओं ने नृत्य प्रस्तुति से नारी के विविध स्वरूपों का वर्णन करते हुए सशक्तीकरण का उदाहरण पेश किया। फिर राग मालकौंस में आए सुर के पंछी आए...गीत ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद अकादमी के प्रशिक्षुओं ने जब बांसुरी, हारमोनियम, ढोलक, तबला, क्लैप बाक्स, मंजीरा, कीबोर्ड, गिटार वाद्य यंत्रों के जरिये आर्केस्ट्रा पर ओम जय जगदीश हरे, अच्युतं केशवं, कृष्ण दामोदरम्... की प्रस्तुति दी तो कानों में संगीत की मिठास घुली व सभी अपने हाव-भाव से सुर-ताल मिलाते दिखे।
सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप सेंटर फार परफार्मिंग आर्ट्स सभागार में लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी एवं दैनिक जागरण द्वारा आयोजित श्रावणी स्मृति संध्या में नृत्य प्रस्तुत करतीं छात्राएं। जागरण
अंतिम व मुख्य प्रस्तुति शिव शक्ति पर आधारित कथक नृत्य की प्रस्तुति ने भगवान शिव व पार्वती के प्रेम और मिलन, विरह सहित अन्य दृश्यों को जीवंत कर दिया। मंच संचालन डा. कमल मुसद्दी ने किया। समारोह में गायन का संयोजन कविता सिंह, जया शर्मा, ऋतु भार्गव, नृत्य संयोजन तान्याली शुक्ला, साक्षी चावला, वादन का संयोजन आकाश शर्मा, कला संयोजन वरीशा अंसारी ने किया।
चित्रों में दिखा महाकुंभ और राधा-कृष्ण का प्रेम
लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी के प्रशिक्षुओं की चित्रकला प्रदर्शनी में महाकुंभ-2025 के साथ ही राधा-कृष्ण का प्रेम जीवंत दिखाई पड़ा। प्रशिक्षुओं का कला-कौशल नजर आया। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रदर्शनी में बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए उनके हुनर को सराहा। अतिथियों, प्रबुद्धजन व अभिभावकों ने भी मुक्तकंठ से सराहना की।
युवा पीढ़ी को निखारती कला और संस्कृति : डीएम
मुख्य अतिथि डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि डिजिटल युग में कला व संस्कृति ही युवा पीढ़ी को निखारने में सक्षम है। सभागार में इतनी अधिक संख्या में शास्त्रीय संगीत विधा के कद्रदान देखकर लग रहा कि धीरे-धीरे कला-संस्कृति का और प्रसार हो रहा है। इसके लिए लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी के संचालक मंडल को बधाई देता हूं।
अद्भुत, अकल्पनीय व सोच से परे : डीआइजी
विशिष्ट अतिथि डीआइजी कानपुर रेंज हरीश चन्दर ने कहा कि बच्चों की प्रस्तुति अद्भुत, अकल्पनीय व सोच से परे है। बच्चे की जिस क्षेत्र में रुचि हो, अभिभावक उसी क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाएं। बच्चे पढ़ाई के साथ कुछ अतिरिक्त विधा में माहिर जरूर बनें। सनातन संस्कृति को आगे ले जाने के लिए इसकी आवश्यकता है।
समारोह का इन्होंने किया शुभारंभ, ये रहे उपस्थित
समारोह की शुरुआत विशिष्ट अतिथि डीआइजी हरीश चन्दर, अकादमी के अध्यक्ष सुनील गुप्त, महासचिव इन्द्र मोहन रोहतगी ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की। इस अवसर पर विजया गुप्ता, रितु गुप्ता, डा. जेएन गुप्त, अकादमी के कोषाध्यक्ष पवन गर्ग, विकास चतुर्वेदी, बीएल कोठीवाल, समीर गुप्त, डा. ओपी भट्ट, राकेश कुमार अग्रवाल, विजय पारिख, राजेन्द्र राव, सर्वमित्र शर्मा, डा. रेनू निगम, डा. आदर्श त्रिपाठी समेत शहर के कला व साहित्य प्रेमी विद्वतजन उपस्थित रहे।
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