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    Sawan 2022: आदिकाल के चार शिवालयों में से एक है बिठूर का ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर, ब्रह्माजी ने किया था यज्ञ

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Fri, 05 Aug 2022 06:00 PM (IST)

    Sawan 2022 सावन के पावन पर्व पर हम आपके पास रोज कानपुर और आस-पास के शिवालय के बारे में रोचक जानकारियां और इतिहास लेकर आते हैं। आज हम आपको कानपुर के ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर बिठूर से परिचित कराएंगे।

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    ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट पर गंगा किनारे स्थित है।

    कानपुर। ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट पर गंगा किनारे स्थित है। मान्यता है कि यहां विधि विधान से शिव जी का पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रावण मास में देशभर से भक्त महादेव के दर्शन को आते हैं। गंगा स्नान करने के बाद भक्त जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। 

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    मंदिर का इतिहास

    बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट स्थित ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास आदिकाल का है। पुराणों में कहा गया है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि का सृजन करने से पहले बिठूर के घाट किनारे बालू का शिवलिंग बनाकर यज्ञ किया था। प्राचीन मंदिर ब्रह्मखूंटी के पास स्थापित है। भक्त श्रावण मास में महादेव का शृंगार पूजन कर ब्रह्मा जी की आराधना भी करते हैं। यहां पर गंगा स्नान कर महादेव के दर्शन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 

    मंदिर की विशेषता

    ब्रह्मावर्त घाट स्थित ब्रह्मखूंटी को विश्व का केंद्र माना जाता है। इस घाट पर स्थित ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर आदिकाल के चार शिवालयों में से एक है। आदिकाल के चार शिवालयों में बिठूर के ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर के साथ बाराबंकी का लोधेश्वर मंदिर, बनी का वनखंडेश्वर और बनीपारा का वाणेश्वर शिव मंदिर शामिल है। मान्यता है कि गंगा तट किनारे ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण करने से पहले महादेव की पूजा की थी। गंगा की बालू से शिवलिंग बनाकर यज्ञ किया था। कई साल तक चले महायज्ञ में बालू का शिवलिंग पत्थर के शिवलिंग में बदल गया था।

    मंदिर के शिवलिंग पर तांबे की परत चढ़ी हुई है। जो भी भक्त प्रेम भाव से बेल पत्र चढ़ाता है प्रभु उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। महादेव का प्राचीन मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र रहता है। 

    - आशीष तिवारी, पुजारी। 

    मंदिर में रोज पूजा पाठ और दर्शन करने को शहर के साथ कई गांव के भक्त भोर पहर से शिवालय में आते हैं। ब्रह्मेश्वर महादेव भक्तों को सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीष देते हैं। 

    - प्रदीप शुक्ला, भक्त।