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    Anandeshwar Temple: महाभारत काल से जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास, दानवीर कर्ण शिवलिंग की पूजा के बाद हो जाते थे विलुप्त

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jul 2022 10:36 AM (IST)

    कानपुर का बाबा आनंदेश्वर मंदिर (परमट) हमेशा से लोगों के आस्था का केंद्र रहा है। यहां पीएम मोदी को भी आने का न्योता दिया गया है। जिसपर पीएम ने हामी भी भरी है। श्रावण मास में हजारों की संख्या में भक्त महादेव के पूजन दर्शन को आ रहे हैं।

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    परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में महादेव का किया गया श्रृंगार । जागरण

    कानपुर, जागरण संवाददाता। सिविल लाइंस स्थित बाबा आनंदेश्वर मंदिर (परमट) का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। पवित्र श्रावण मास में हजारों की संख्या में भक्त महादेव के पूजन दर्शन को आते हैं। श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर महादेव का भव्य मंदिर देशभर में भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र रहता है। आम दिनों में भी गंगा किनारे स्थित महादेव के दरबार में भक्तों का संगम देखने को मिलता है।

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    मंदिर का इतिहास

    बाबा आनंदेश्वर मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। यहां पर दानवीर कर्ण गंगा स्नान के बाद महादेव का पूजन अर्चन करते थे। पूजन के बाद वे अचानक विलुप्त हो जाते थे। कर्ण को पूजा करते एक गाय ने देख लिया था। इसके बाद गाय भी वहीं जाकर अपना सारा दूध खुद ही चढ़ा देती थी। इसके बाद ग्रामीणों ने इस स्थान पर खोदाई कराई। कई दिन की खोदाई के बाद यहां शिवलिंग मिला। ग्रामीणों ने शिवलिंग का अभिषेक कर गंगा किनारे ही स्थापित कर दिया। आनंदी गाय के दूध चढ़ाने के कारण ही मंदिर का नाम आनंदेश्वर पड़ा।

    मंदिर की विशेषता : महादेव का मंदिर प्राचीन समय में एक टीले पर स्थापित था। करीब तीन एकड़ में बने इस भव्य मंदिर को भक्त छोटी काशी के नाम से पुकारते हैं। वर्षों से यहां पर लगभग हर दिन किसी न किसी शिवभक्त द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है। मंदिर परिसर में शिवलिंग के साथ विह्नहर्ता गणपति महाराज, संकटमोचन हनुमान जी, श्रीहरि विष्णु भगवान और समस्त देवी-देवताओं की प्रतिमाएं विराजमान हैं।

    महादेव के दर्शन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बाबा गंगा जल और बेल पत्र अर्पित करने से खुश होते हैं। महादेव का मनोहारी शृंगार भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र रहता है। - इच्छागिरि महाराज, पूर्व महंत मंदिर। 

    पवित्र श्रावण मास में बाबा के दर्शन को देशभर से भक्त आते हैं। सोमवार को गंगा स्नान के बाद सैकड़ों की संख्या में भक्त महादेव का दर्शन पूजन करते हैं। श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर भक्तों का सैलाब उमड़ता है। - अभिषेक, भक्त।