वेदों में वर्णित श्लोक और मंत्र व्यक्तित्व निर्माण में हैं सहायक, स्वामी मुकुंदानंद की पुस्तक में मिलेगा इसका संगम
My Wisdom Book रोजमर्रा के जीवन को इंगित कर उनके महत्व को बताने वाले ये सभी श्लोक सरल संस्कृत में हैं। साथ ही किताब में अंग्रेजी में श्लोकों के अर्थ भी बताये गए हैं। ये श्लोक-मंत्र न सिर्फ बच्चों-किशोरों के व्यक्तित्व निर्माण में सहायक हैं।

[स्मिता सिंह]। My Wisdom Book वेदों में ऐसे अनेक श्लोक हैं, जो बच्चों-किशोरों को पर्यावरण, धरती, अपने देश के प्रति प्रेम करना सिखाते हैं। कुछ श्लोक या मंत्र ईमानदारी, दया, बड़ों के प्रति आदर, परोपकार आदि जैसे जरूरी मानवीय गुण सिखाते हैं। स्वामी मुकुंदानंद ने अपनी किताब 'माई विजडम बुक' में श्लोकों-मंत्रों के अलावा सरल और प्रेरणादायी भजनों और दोहों को भी संकलित किया है। रोजमर्रा के जीवन को इंगित कर उनके महत्व को बताने वाले ये सभी श्लोक सरल संस्कृत में हैं। साथ ही, किताब में अंग्रेजी में श्लोकों के अर्थ भी बताये गए हैं। ये श्लोक-मंत्र न सिर्फ बच्चों-किशोरों के व्यक्तित्व निर्माण में सहायक हैं, बल्कि स्वावलंबन का पाठ भी पढ़ाते हैं। लेखक के अनुसार, बच्चे-किशोर आत्मनिर्भरता और देशप्रेम की राह पर तभी चल सकते हैं, जब उनमें मानवीय गुणों के बीज छोटी उम्र में ही बोये जाएं। वेस्टलैंड पब्लिकेशन के रेड पांडा इंप्रिंट से हाल में प्रकाशित हुई 'माई विजडम बुक' मात्र 199 रुपये में बुक शाप पर या आनलाइन उपलब्ध है। सुबह जगने के साथ ही श्लोक सबसे पहले पृथ्वी को संरक्षित-सुरक्षित रखने की सीख देते हैं। नहाने के दौरान उच्चारित किए जाने वाले श्लोक सात पवित्र नदियों-गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी को मन ही मन प्रणाम कर उन्हें स्वच्छ रखने और जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। भोजन मंत्र हमें अन्न की महत्ता बताने के साथ ही जरूरतमंदों की सहायता करने के बारे में बताता है। शांति मंत्र विश्व-शांति और कल्याण का संदेश देते हैं। इस किताब में कई ऐसे दोहों को भी शामिल किया गया है, जो दूसरे लोगों में गलतियां ढूंढ़ने के बजाय अपनी गलतियों को तलाशने की बात कहते हैं। किसी व्यक्ति से घृणा करने के बजाय उसके प्रति प्रेम और आदर का भाव रखने की सीख देते हैं।
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