SIR in UP: एसआईआर के लिए 36 साल बाद घर पहुंचा साधु, परिजनों ने पहचाने से मना किया
कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में एक साधु, जो एसआईआर फार्म भरने के लिए अपने कागजात लेने घर पहुंचे, तो परिवार ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। पुलिस ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। सजेती थाना क्षेत्र के धरमंगदपुर गांव में एक साधु जब अपना एसआईआर फार्म भरने के लिए अपने कागजात लेने पहुंचा तो स्वजन ने ही उसे पहचानने से इन्कार कर दिया। विवाद की सूचना पर पुलिस पहुंची। साधु द्वारा पहचान से जुड़े कुछ कागजात दिखाने के बाद पुलिस ने उसे अपने कागजात लेकर जाने दिया।
बताया गया कि गांव निवासी सर्वेश सचान उर्फ कल्लू पुत्र स्व. इंद्रपाल बीते करीब 36 सालों से घर से बाहर साधु रूप में रहते हैं। बताया कि उन्होंने कानपुर के डीएवी कालेज से ग्रेजुएट करने के बाद ही 1989 में घर छोड़ दिया था। वर्तमान में वह हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में टौणी देवी धाम में रहते हैं।
बताया कि वर्तमान में एसआईआर फार्म भरने के लिए वह अपने गांव मार्कशीट व अन्य कागज लेने आए थे। इस दौरान उनके परिवारी जनों ने उन्हें पहचानने से इन्कार कर दिया। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस पहुंची तो सर्वेश ने बताया कि वह 10 साल पहले भी जमीन के बंटवारे को लेकर गांव आए थे।
तब परिवारी जनों ने विवाद किया था तो वे चले गए थे। अब उन्हें एसआईआर फार्म भरने के लिए कागजों की जरूरत है। लेकिन, अब परिवारीजन पहचानने से ही इन्कार कर रहे हैं।
सर्वेश ने बताया कि उन्हें सिर्फ एसआईआर फार्म भरने के लिए उनसे जुड़े मार्कशीट समेत कागजात चाहिए। सर्वेश के पास मिले कागजों से उनकी पहचान की पुष्टि होने पर पुलिस ने उन्हें कागजात ले जाने दिया गया। सजेती थाना प्रभारी अवधेश कुमार ने बताया कि 19 वर्ष की आयु में सर्वेश ने घर छोड़ा था। पहचान होने के बाद उसे कागजात ले जाने दिए गए हैं।

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