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    Sabarmati Express Derail: ट्रेन ड्राइवर के बयान से हादसा या साजिश में उलझी जांच, SAG टीम ने घटनास्थल की किया निरीक्षण

    Updated: Thu, 22 Aug 2024 08:35 AM (IST)

    Sabarmati Express Derail कानपुर में डिरेल हुई साबरमती एक्सप्रेस की जांच स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रुप टीम कर रही है। इस मामले में अब लोको पायलट के बयान से हादसा या साजिश के सवाल पर जांच उलझ गई है। एसएजी की पांच सदस्यीय टीम बुधवार को लोको पायलट समेत अन्य रेलवे कर्मियों के बयान दर्ज करने के बाद घटनास्थल के लिए निकल गई।

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    ट्रेन ड्राइवर के बयान से हादसा या साजिश में उलझी जांज

    आलोक शर्मा, कानपुर। साबरमती एक्सप्रेस के बेपटरी होने के मामले में एसएजी (स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रुप) की पांच सदस्यीय टीम जांच कर रही है। एसएजी ने मंगलवार और बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचकर इंजन और कोच देखे। इसके बाद स्टाफ से पूछताछ भी की लेकिन ये हादसा है या साजिश, एसएजी भी तय नहीं कर पा रही है।

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    बुधवार को कई रेलवे कर्मियों के बयान दर्ज किए गए। दरअसल इसमें लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) की गवाही अहम है। उनके मुताबिक कोई भारी वस्तु टकराई, जिससे हादसा हुआ। लोको पायलट का यह बयान जहां साफ तौर पर षड्यंत्र की ओर संकेत कर रहा है, वहीं जांच एजेंसियां इसके विपरीत दुर्घटना की बात कह रही हैं।

    रेलवे कर्मियों के दर्ज किए गए बयान

    एसएजी की पांच सदस्यीय टीम बुधवार को लोको पायलट समेत अन्य रेलवे कर्मियों के बयान दर्ज करने के बाद घटनास्थल के लिए निकल गई। दरअसल रेलवे के इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, आरपीएफ, आपरेशन समेत अन्य विभागों की जो रिपोर्ट एसएजी को मिली है, उसके आधार पर ट्रैक में बाहरी वस्तु मिलने की बात कही गई है। ऐसे में यह ट्रेन को पलटाने की साजिश का संकेत है।

    लोको पायलट एपी सिंह बुंदेला और सहायक लोको पायलट चेतराम मीना भी यही बात कह रहे हैं। इसी आधार पर एसएजी की टीम ने पटरी के टुकड़े को लेकर रेल ट्रैक पर कई बार परीक्षण भी किया। बताया गया कि यह इतना आसान नहीं है। यदि क्लैंप से पटरी के टुकड़े को रेल ट्रैक पर बांधा गया था तो जिससे चीज से बांधा गया, उसके अवशेष भी मिलने चाहिए थे। एक तथ्य और निकलकर सामने आया है। कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी कोच के पहिए जाम हो गए हों, जिसके बाद इमरजेंसी ब्रेक से ट्रेन पटरी से उतर गई।

    प्रयागराज मुख्यालय को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

    हालांकि विशेषज्ञ बताते हैं कि यह भी संभव नहीं है। यदि कोच के पहिए जाम होते तो एलएचबी कोच होने के चलते रेल ट्रैक पर घर्षण से छेद (फ्लैट टायर) हो जाता, साथ ही कोच पटरी से उतरते नहीं। दुर्घटना की इन अलग-अलग थ्योरी को लेकर एसएजी टीम परीक्षण में जुटी है। उसके लिए भी यह अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है कि साबरमती एक्सप्रेस साजिश का शिकार हुई या फिर रेलवे की ही किसी खामी से हादसा हुआ। बहरहाल जांच चल रही है। एसएजी टीम प्रयागराज मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहां से रिपोर्ट रेलवे बोर्ड भेजी जाएगी।

    एसएजी टीम में शामिल अधिकारी

    -जेसीएस बोरा, प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी आफिसर

    -पुष्पेश रमण त्रिपाठी, चीफ इलेक्ट्रिक लोको इंजीनियर

    -सूरज प्रकाश, चीफ रोलिंग स्टाक इंजीनियर फ्रेट

    -एम सुरेश, चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर

    - प्रदीप कुमार, चीफ ट्रैक इंजीनियर

    -प्रदीप कुमार, चीफ ट्रैक इंजीनियर

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