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    Kanpur News: अतिक्रमण में सिकुड़ीं सड़कें, जाम से जूझ रहे लोग; करीब 18 लाख हो गई वाहनों की संख्या

    Updated: Sun, 11 Aug 2024 03:25 PM (IST)

    यूपी के कानपुर जिले के सड़कों की जो स्थिति चार साल पहले थी हालात उससे खराब ही हुए हैं। वर्ष 2020 में करीब 13 लाख वाहन शहर में थे और चार साल बाद इनकी संख्या बढ़कर 17.50 लाख से ज्यादा हो गई है। अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कों पर ई-रिक्शा आटो टेंपो और निजी बसों की अराजकता कोढ़ में खाज का काम कर रही है।

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    वाहनों की संख्या बढ़ने और सड़कों के सिकुड़ने से जाम

    जागरण संवाददाता, कानपुर। एक बड़ा सवाल है कि जाम क्यों लगता है? रण तमाम हैं, मगर एक बड़ा कारण वाहनों की बढ़ रही संख्या भी है। शहर में सड़कों की स्थिति पहले से भी बदतर होती जा रही है। वहीं, वाहनों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।

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    विशेषकर सवारी ढोने वाले वाहनों की संख्या में बड़ी तेजी आई है और खराब सड़कों की वजह से आए दिन जाम लगता है।

    सड़कों पर बढ़ गए 4.50 लाख वाहन

    वर्ष 2020 में करीब 13 लाख वाहन शहर में थे और चार साल बाद इनकी संख्या बढ़कर 17.50 लाख से ज्यादा हो गई है। दरअसल सड़कों की जो स्थिति चार साल पहले थी, हालात उससे खराब ही हुए हैं। सड़कों पर करीब 4.50 लाख वाहनों की संख्या बढ़ गई।

    अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कों पर ई-रिक्शा, आटो, टेंपो और निजी बसों की अराजकता कोढ़ में खाज का काम कर रही है। उदाहरण के तौर पर रेव मोती तिराहे को ही लें तो यहां पर करीब 250 ई-रिक्शा का संचालन होता था।

    इनकी संख्या दोगुणा से बढ़कर करीब 518 हो गई है। इसके साथ ही आटो-टेंपो की तादाद बढ़ गई है। ऐसे में सड़क वही है, लेकिन वाहनों की संख्या बढ़ने से अराजकता चरम पर पहुंच गई है। इसे कोई देखने वाला नहीं है।

    वाहन मोड़ने तक की जगह नहीं

    रेव मोती के सामने सड़क पर पत्थर के डिवाइडर बनाकर आने-जाने की लेन अलग कर दी गई, लेकिन उसके बाद से आटो, टेंपो और ई-रिक्शा वालों की अराजकता शबाब पर है। स्थिति यह है कि यहां वाहन मोड़ने तक की जगह नहीं बचती है।

    स्थानीय दुकानदारों ने सड़क पर ही शापिंग माल सजा रखा है। स्थानीय पुलिस भी इसे नहीं देखती है। खामियाजा यहां से आवागमन करने वालों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी वजह से कई बार लोगों का विवाद होता है लेकिन पुलिस इस समस्या का समाधान नहीं कर रही है।

    मेट्रो के काम से सड़कें हुईं संकरी

    आइआइटी से लेकर नौबस्ता तक मेट्रो का संचालन होना है। आइआइटी से मोतीझील तक संचालन शुरू हो चुका है। शहर के अन्य हिस्सों में मेट्रो के कार्य के चलते सड़कें संकरी हो गई हैं जिसके कारण जाम की स्थिति बदस्तूर बनी रहती है।

    चुन्नीगंज चौराहे में मेट्रो के काम के चलते यहां डायवर्जन लिया गया है। काम के कारण सड़क संकरी हो गई है वहीं ग्वालटोली होकर जाने वाला यातायात अक्सर जाम में फंसा रहता है। बड़ा चौराहा की बात करें तो यहां भी मेट्रो के कार्य के चलते हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है।

    इसी तरह परेड, मालरोड, झकरकटी बस अड्डा, घंटाघर, बारादेवी चौराहा, नौबस्ता और दादानगर में मेट्रो कार्य के चलते लोगों को हर दिन परेशानी उठानी पड़ रही है।

    डायवर्जन में बिगड़ जाती है स्थिति

    किसी कार्यक्रम में चलते यदि डायवर्जन लिया जाता है तो स्थिति और विकराल हो जाती है। शुक्रवार को मालरोड स्थित नागेश्वर मंदिर में कार्यक्रम के चलते यातायात विभाग ने डायवर्जन किया जिसके बाद मालरोड से लेकर वीआइपी रोड तक दिनभर रह रहकर जाम लगता रहा।

    कानपुर में वाहनों की संख्या

    कुल निजी वाहन 16,24,115
    बाइक-स्कूटर 12,86,789
    मोपेड 39,341
    कार 2,75,108
    ट्रैक्टर 22179
    कुल सामान ढोने वाले वाहन 53426
    कृषि वाहन 2607
    थ्री व्हीलर 5973
    ट्रैक्टर 2324
    ट्रेलर 1260
    ई रिक्शा 1990

    कुल यात्री वाहन 62874
    एंबुलेंस 538
    बस 4514
    स्कूली बस 177
    ई रिक्शा 41374
    मोटर कैब 4384
    कानपुर में कुल वाहन 17,50,415

    हर साल बढ़ रहे वाहनों की संख्या देखी जाए तो यह बड़ी समस्या है। पुलिस इस प्रकरण में विचार विमर्श करके आगे की कार्रवाई करेगी और संबंधित विभागों से भी बातचीत की जाएगी।

    -हरीश चंदर, अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था

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