यूपी के इस शहर में तेजी से चल रहा रिंग रोड बनाने का काम, शहर से घटेगा लोड; सीधे जुड़ जाएंगे चारों दिशाओं के पांच हाईवे
रिंग रोड परियोजना से प्रयागराज हाईवे कानपुर-अलीगढ़ हाईवे कानपुर-इटावा हाईवे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे कबरई-महोबा हाईवे के साथ ही आगरा एक्सप्रेसवे की दूरी भी कम हो जाएगी। ट्रैफिक लोड कम होने के साथ ही प्रदूषण की समस्या का भी समाधान होगा। शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) रिंग रोड परियोजना का चार पैकेजों में निर्माण कर रहा है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। रिंग रोड परियोजना का तेजी से निर्माण किया जा रहा है। आगामी 2027 तक इस परियोजना को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। एनएचएआई के इंजीनियरों का कहना है कि रिंग रोड बनने से शहर के अंदर 60 प्रतिशत ट्रैफिक लोड घट जाएगा। जिससे जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी।
रिंग रोड परियोजना से प्रयागराज हाईवे, कानपुर-अलीगढ़ हाईवे, कानपुर-इटावा हाईवे, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, कबरई-महोबा हाईवे के साथ ही आगरा एक्सप्रेसवे की दूरी भी कम हो जाएगी। ट्रैफिक लोड कम होने के साथ ही प्रदूषण की समस्या का भी समाधान होगा।
शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) रिंग रोड परियोजना का चार पैकेजों में निर्माण कर रहा है। केंद्र सरकार इस परियोजना में 40 अरब रुपये के बजट से 93 किमी लंबी रिंग रोड का निर्माण कर रही है। जिसमें तीन पैकेज पर अभी तक लगभग 25 प्रतिशत कार्य प्रगति पर है।
पैकेज वन में सचेंडी से महाराजपुर तक लगभग 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। वहीं पैकेज फोर जरकला से पकरी वाया डिफेंस कारिडोर का निर्माण लगभग 20 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। एनएचएआइ के इंजीनियरों का कहना है कि रिंग रोड बनने से शहर के जीटी रोड, रामादेवी से भौंती, जाजमऊ से कल्याणपुर, बिल्हौर, कन्नौज और अलीगढ़ की ओर से आने-जाने वाले वाहन शहर के अंदर आने की जगह बाहर से निकल जाएंगे। इससे शहर की सड़कों पर लगभग 60 प्रतिशत ट्रैफिक लोड घट जाएगा। जिससे जाम की समस्या का निदान हो जाएगा। वहीं प्रदूषण भी घटेगा।
4.50 लाख वाहनों का बोझ होगा कम
रिंग रोड परियोजना पूरी होने पर शहर के अंदर लगभग 4.50 लाख वाहनों की दैनिक कमी आने की संभावना है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारी और लंबी दूरी के वाहनों को शहर के बाहर से ही मार्ग देकर, शहर की सड़कों पर ट्रैफिक लोड कम किया जाएगा। रिंग रोड परियोजना से लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, और गंगा एक्सप्रेसवे तक पहुंच आसान हो जाएगी। यात्रा में समय की बचत होने के साथ ही रिंग रोड के आसपास नए औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों का विकास भी होगा।
रिंग रोड परियोजना आगामी दो साल में पूरी करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर शहर की सड़कों पर लगभग 60 प्रतिशत ट्रैफिक लोड कम होगा। जिससे समय की बचत, जाम की समस्या से निजात मिलने के साथ ही रिंग रोड के आस-पास आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी।- पंकज यादव, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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