Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेरिओडोन्टाइटिस के मरीजों के लिए राहत की खबर! दांत में दबा पैच करेगा दर्द और सूजन का इलाज, शोध हुआ सफल

    कानपुर में दांतों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने वाला नया पैच! यह पैच मसूड़ों की बीमारी पेरिओडोन्टाइटिस का इलाज करेगा। इस पैच का निर्माण कानपुर में स्थित नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड केलीब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) मान्यता वाली लैब बीएआइ में किया गया है। अब इस पैच को जल्द बाजार में उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    By akhilesh tiwari Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 05 May 2025 07:25 PM (IST)
    Hero Image
    पेरिओडोन्टाइटिस के मरीजों के लिए राहत की खबर! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    अखिलेश तिवारी, कानपुर। मसूड़ों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही दांतों को सहारा देने वाली हड़्डी को नष्ट करने वाली बीमारी पेरिओडोन्टाइटिस का अब आसान और अधिक प्रभावी इलाज हो सकेगा।

    इसके लिए कानपुर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के फार्मेसी विभाग की एम फार्म छात्रा ने ऐसा पैच तैयार किया है जिसमें एंटीबायोटिक दवाओं की खुराक को रखा जा सकता है।

    दांत के नीचे दबाने पर इस पैच से संक्रमित हिस्से में दवा निरंतर पहुंचती रहती है। इससे उपचार अधिक प्रभावी हो जाता है और रोगियों को जल्द ठीक किया जा सकेगा। इस अनुसंधान कार्य को अंतरराष्ट्रीय साइंस जर्नल एल्सिवेयर ने प्रकाशित भी किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मसूड़ों की घातक बीमारी पेरिओडोन्टाइटिस जीवाणुओं के संक्रमण से होती है। इसके पीछे आमतौर पर दांतों की साफ-सफाई में लापरवाही को वजह माना जाता है। इससे दांतों में प्लाक और टार्टर निर्माण को बढ़ावा मिलता है। इस बीमारी में मसूड़ों में सूजन आ जाती है और पेरियोडोंटल लिगामेंट, सीमेंटम और एल्वियोलर हड्डी सहित दांतों की सहायक संरचना बिगड़ने लगती है।

    इससे बचने के लिए मरीजों को अभी टेबलेट के रूप में एंटीबायोटिक दवाएं जैसे अमाक्सीक्लेव, सिप्रोफ्लोक्सासिस इत्यादि दी जाती हैं, जिनका असर संक्रमित हिस्से तक देर से और कम मात्रा में पहुंचता है। दवाओं का असर कम होते ही बैक्टीरिया फिर सक्रिय हो जाता है। वहीं इन दवाओं के अत्यधिक उपयोग से नुकसान अलग होता है।

    एनएबीएल लैब में बनाया गया पैच

    इस पैच का निर्माण कानपुर में स्थित नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड केलीब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) मान्यता वाली लैब बीएआइ में किया गया है। अब इस पैच को जल्द बाजार में उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए कुछ कंपनियों से भी बातचीत की जा रही है।

    इलेक्ट्रोस्पन नैनोफाइबर से बनाया गया पैच

    सीएसजेएमयू के स्कूल आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की निदेशक डा. शशिकिरण मिश्रा के निर्देशन में एम फार्म की छात्रा रिचा गुप्ता ने समस्या समाधान तलाशा है। इसके तहत इलेक्ट्रोस्पन नैनोफाइबर की मदद से ऐसा पैच बनाया गया है, जिसमें दवा की खुराक को रखा जा सकता है।

    इस पैच को दांत के प्रभावित हिस्से के नीचे दबाया जा सकता है। इससे छह से आठ घंटे तक एंटीबायोटिक दवा की खुराक धीरे-धीरे संक्रमित हिस्से में पहुंचती रहती है और संक्रमण को फैलने से ज्यादा प्रभावी तरीके से रोकती है।

    इस पैच में सिप्रोफ्लोक्सासिन दवा को रखकर सफल प्रयोग किया गया है। यह पैच बायोडिग्रेडेबल है। जो दांत के नीचे अपने आप घुल भी जाएगा। खास बात है कि इस पैच में दवा की कम खुराक से भी ज्यादा लाभ मिलेगा।

    पैच का विकास करने से दांत व मसूड़ा रोग के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव होगा। संक्रमित हिस्से में बैक्टीरिया रोधी दवा को सीधे पहुंचाने की सुविधा से इलाज में तेजी आएगी। जो उपचार 10 दिन में होता है, उसे तीन से चार दिन में पूरा किया जा सकेगा।

    - डा. शशिकिरण मिश्रा, निदेशक स्कूल आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज

    विश्वविद्यालय में लगातार शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पेरिओडोंटाइटिस का इलाज करने वाले पैच का प्रयोग सफल रहा है। जल्द ही इसे आम लोगों तक उपलब्ध कराया जाएगा।

    - प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति सीएसजेएमयू