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मौत के 13 साल बाद पर्दे पर दिखेगा डकैत ददुआ का बागी जीवन, फरवरी में रिलीज होगी फिल्म तानाशाह

यूपी-एमपी के पाठा में बादशाहत का राज बताएगी ये फिल्म यू-ट््यूब पर हजारों लोग देख चुके हैं ट्रेलर।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 02:05 PM (IST)
मौत के 13 साल बाद पर्दे पर दिखेगा डकैत ददुआ का बागी जीवन, फरवरी में रिलीज होगी फिल्म तानाशाह
मौत के 13 साल बाद पर्दे पर दिखेगा डकैत ददुआ का बागी जीवन, फरवरी में रिलीज होगी फिल्म तानाशाह

चित्रकूट, [शिवा अवस्थी]। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की मिनी चंबल घाटी यानी पाठा में तीन दशक तक बागी जीवन जीने वाले दस्यु ददुआ का सच अब जल्द ही पर्दे पर दिखाई देगा। अमौली फ्रेंड्स क्लब यू-ट््यूब चैनल पर 'ए फिल्म ऑफ दिलीप आर्या' नाम से अपलोड ददुआ पर बनी फिल्म 'तानाशाह' का ट्रेलर देखने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कुछ दिन में हजारों लोग ट्रेलर देख चुके हैं।

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फिल्म में दिखाई गई राबिनहुड की छवि

बुंदेलखंड, आसपास जिलों में ददुआ व परिवार को जानने वाले फेसबुक, ट््िवटर व वाट््सएप पर शेयर कर रहे हैं। फरवरी में फिल्म रिलीज की तैयारी है। दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत जमींदार के 'कौन हो बे तुम, क्या चाहते हो' डायलॉग से होती है। जवाब में दस्यु ददुआ अपनी बहन और पिता की मौत का बदला लेने की बात कहता है। फिल्म में उसकी रॉबिनहुड छवि को भी उभारा गया है।

पांच साल की मेहनत के बाद निर्माण

फिल्म अभिनेता व निर्माता दिलीप आर्या ददुआ के लीड रोल में हैं। वह बताते हैं कि पांच साल की मेहनत के बाद फिल्म बनी। डकैतों के बागी जीवन को समझने के लिए चित्रकूट के पाठा क्षेत्र में घूमे। डकैतों के रहन-सहन के तरीके समझे। बीहड़ के दुर्गम रास्तों पर घूमना रोमांच भरा रहा। दुर्गम पहाडिय़ों व जंगल शूङ्क्षटग में काफी कठिनाइयां आईं। ट्रेलर की शुरुआत राम घाट व मंदाकिनी नदी में दिखाते हुई है। निर्माता मुकेश कुमार हैं जबकि निर्देशक रितम श्रीवास्तव हैं। वह फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के साथ काम कर चुके हैं।

22 साल की उम्र में बागी, 32 साल बीहड़ पर राज

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील अंतर्गत देवकली गांव में राम प्यारे पटेल के घर जन्मे शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ 22 साल की उम्र में बीहड़ में कूदे थे। 32 साल तक एकछत्र बादशाहत के साथ सियासी दखलंदाजी रही। फतेहपुर में मंदिर बनवाया। वर्ष 2007 में मानिकपुर के ऊंचाडीह मार्ग स्थित झलमल के जंगल में एसटीएफ ने बम से उड़ाकर आधा दर्जन साथियों के समेत अंत कर दिया था।

सात लाख का था इनाम, दर्जनों मुकदमे

यूपी-एमपी पुलिस की ओर से ददुआ पर सात लाख का इनाम घोषित था। हत्या, लूट, अपहरण, डकैती और रंगदारी के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे। सरकारी अफसरों को उठाने, ठेकेदारी में रंगदारी लेने व तेंदू पत्ता तुड़ान में वसूली के लिए चर्चित रहा। बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज व मध्य प्रदेश के पन्ना, सतना, रीवां व राजस्थान तक बादशाहत थी।

जरा इनकी सुनिए

फिल्म का ट्रेलर तो ठीक है लेकिन वास्तविकता से परे कुछ भी दिखाने पर कोर्ट जाएंगे।

-बाल कुमार पटेल, पूर्व सांसद व ददुआ के भाई।

फिल्म का प्रोमो देखा है। फिल्में संदेश देती हैं। सत्यता दिखाई तो कोई एतराज नहीं है।

-वीर सिंह पटेल, पूर्व विधायक और ददुआ के पुत्र। 


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