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    मशीन से बुजुर्गों को जवान करने का मामला: DCP दफ्तर पहुंचा मुख्य आरोपी, खुद को बताया बेकसूर; मुकदमा करने वालों को घेरा

    Updated: Mon, 07 Oct 2024 04:27 PM (IST)

    Kanpur News राजीव दुबे से एसआइटी ने संपर्क किया था। सोमवार दोपहर राजीव पहले पुलिस आयुक्त कार्यालय अपना पक्ष रखने पहुंचा जहां से उसे डीसीपी दाक्षिण कार्यालय भेज दिया गया। डीसीपी अंकिता शर्मा में बताया है कि राजीव दुबे से पूछताछ हो रही है। पुलिस के अनुसार रिवाइवल संस्था के नाम के खाते में 76 लाख का ट्रांजेक्शन मिला है।

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    पुलिस ने आरोपी के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। बुजुर्गों को जवान बनने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी करने का आरोपित राजू दुबे सोमवार दोपहर डीसीपी दक्षिण कार्यालय में पहुंचा उसने डीसीपी अंकिता शर्मा के सामने खुद को बेकसूर बता मुकदमे की वादी रेनू सिंह चंदेल पर कई आरोप लगा उन्हें ब्लैकमेलर कहा। एसआइटी आरोपित से एडीसीपी दाक्षिण कार्यालय में पूछताछ कर रही है।

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    इजराइल से 25 करोड़ की मशीन मंगवाने का किया था दावा

    स्वरूप नगर निवासी जिम संचालक राजीव दुबे और उनकी पत्नी रश्मि दुबे ने साकेत नगर में रिवाइवल वर्ल्ड का आफिस खोला था उन्होंने इजराइल से 25 करोड रुपए की मशीन मंगवा कर लोगों को आक्सीजन थेरेपी के जरिए बुजुर्ग से जवान बनाने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली।

    फर्जीवाड़ा सामने आने पर स्वरूप नगर निवासी रेनू सिंह चंदेल ने आरोपित के खिलाफ 20 सितंबर को किदवई नगर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था।

    प्रधानमंंत्री का उदाहरण देकर लोगों को लुभाया  

    आरोप है कि राजीव दुबे ने ठगी के जाल में लोगों को फंसाने के लिए प्रधानमंत्री ऊर्जावान बने रहने के लिए इसराइल जाकर आक्सीजन थेरेपी लेते हैं। वहीं अभिनेता अमिताभ बच्चन शाहरुख खान आक्सीजन थेरेपी से फिल्मी हस्तियां लंबे समय तक जवान बने रहते हैं। पूरे प्रकरण की जांच और सच्चाई के लिए पुलिस टीम आरोपित की तलाश कर रही थी।

    आरोपों को बताया बेबुनियाद

    सोमवार को राजीव दुबे से एसआइटी ने संपर्क किया था। सोमवार दोपहर राजीव पहले पुलिस आयुक्त कार्यालय अपना पक्ष रखने पहुंचा, जहां से उसे डीसीपी दाक्षिण कार्यालय भेज दिया गया। डीसीपी अंकिता शर्मा में बताया है कि राजीव दुबे से पूछताछ हो रही है। अब तक छह बैंक खाते मिले है,जो खाली है। रिवाइवल संस्था के नाम के खाते में 76 लाख का ट्रांजेक्शन मिला है।

    वहीं अन्य खातों के ट्रांजेक्शन जांचे जा रहे हैं। आरोपित ने बताया कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं। अगर ठगी करनी होती तो मैं अपने व पत्नी के नाम का सहारा न लेता। किसी और नाम से दस्तावेज बनाता था। 35 करोड़ की बात गलत है। खाते में 40 लाख के ट्रांजेक्शन हैं। मेरा तो डेढ़ साल पहले वीजा भी एक्सपायर हो चुका है। फिर कैसे विदेश भागने की फिराक में होने के आरोप लग गए।

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