Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भिखारी गैंग : हाथ-पैर के पंजे तोड़ हमने किया था उसे नेत्रहीन.., आरोपित मां-बेटे ने पुलिस के सामने खोले कई राज

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Thu, 10 Nov 2022 12:53 AM (IST)

    कानपुर नौबस्ता पुलिस ने सुरेश मांझी मामले में आरोपति राज और उसकी मां दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ने पुलिस के सामने कई राजों से पर्दा उठाया है दोनों ने बताया कि सुरेश के अलावा उन्होंने कई लोगों को अगवा किया था।

    Hero Image
    कानपुर पुलिस के सामने राज और उसकी मां ने कबूला अपना जुर्म।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। नौबस्ता पुलिस ने भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना राज और उसकी मां को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में दोनों ने कई राज उगले हैं, जिसके बाद इस बात की पुष्टि हुई कि सुरेश मांझी द्वारा यातनाओं को बयां किया गया एक-एक शब्द सच था। बुधवार को दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया।वहीं, अब पुलिस आरोपित विजय, उसकी बहन और बहनोई की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि किदवई नगर नटवन टोला निवासी राज नागर और उसकी मां दिल्ली के नागलोई में कई सालों से रह रहे हैं। दोनों गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ भीख मंगवाने का काम करते हैं। दोनों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मछरिया निवासी विजय, उसकी बहन तारावती और बहनोई राजेश शहर और आसपास के लोगों को काम करने व अन्य कारण बता अगवा कर उन्हें बेचते हैं और वे लोग उन्हें नागलोई ले जाते हैं।

    करीब छह माह पहले विजय मूलरूप से बिहार में सिवान के गोरियाकोठी पिपरा गांव के और शहर में यशोदा नगर मछरिया निवासी सुरेश मांझी को भी काम दिलाने के बहाने पहले अपने घर ले गया और करीब 12 दिन वहां रखा, जहां जड़ी बूटियां का काम करने वाली उसकी बहन व बहनोई ने सुरेश के हाथ-पैर के पंजे तोड़े और उसे नेत्रहीन कर दिया। आशा ने बताया कि विजय से उसने 20 हजार में सुरेश को खरीदा था और नागलोई ले गई। बाद में उसे दूसरे गिरोह को 70 हजार में बेच दिया गया। 

    दो हजार से ज्यादा की भीख मिल जाती थी सुरेश को

    पूछताछ में गिरोह के सरगना राज ने बताया कि दिल्ली जाने के बाद दो-तीन दिन में ही सुरेश को उसके शरीर में संक्रमण फैलने लगा था। इस पर गिरोह के सदस्य ने उसे वापस ले जाने को कहा, लेकिन रुपये वसूलने के लिए मां-बेटे ने सुरेश से करीब छह माह तक वहीं रेड सिग्नल और अन्य चौराहों पर भीख मंगवाई। वह तेज था। इससे दिनभर में एक हजार रुपये मिल जाते थे। 

    सचेंडी, बिधनू समेत क्षेत्राें से चार अन्य को भी बेच चुके

    पुलिस पूछताछ में मां-बेटे ने बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले सचेंडी के उमाशंकर नाम के युवक, बिधनू से एक और दो अन्य क्षेत्रों के दूसरे वर्ग के दो लोगों को अगवा कर उन्हें नागलोई में भीख मंगवाने की बात कबूली है। हालांकि पूछताछ में दोनों ने यह भी बताया कि उमाशंकर वापस लौट आया था। उसकी भी आंख चली गई थी।

    गिरोह में विजय, उसकी बहन और बहनोई के अलावा भी नागलोई में कई अन्य सदस्य शामिल हैं, जो लोगों को अगवा कर भीख मंगवा रहे हैं। उन सदस्यों को पकड़ने व राजफाश करने टीम बहुत जल्द नागलोई जाएगी। -

    प्रमोद कुमार, डीसीपी साउथ

    comedy show banner
    comedy show banner