National Highway 34: फोरलेन पर रेलवे का अड़ंगा, हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग के लिए मांगे इतने पैसे; इंतजार में जनता
National Highway 34 भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के जीटी रोड यानी राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के फोरलेन के कार्य में अड़ंगा लग गया है। लोगों को अब इस राजमार्ग के फोरलेन होने का इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल जीटी रोड के फोरलेन होने के काम में रेलवे ने अड़ंगा लगा दिया है। रेलवे ने हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग की अनुमति के लिए एनएचएआई से डेढ़ करोड़ रुपये मांगे हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के जीटी रोड यानी राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के फोरलेन के कार्य में रेलवे ने अड़ंगा लगा दिया है। रेलवे ने हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग की अनुमति के लिए एनएचएआई से डेढ़ करोड़ रुपये मांगे हैं, जिसके चलते जीटी रोड का मंधना से आईआईटी गेट के बीच कार्य अटक गया है।
एनएचएआइ ने भुगतान के लिए मुख्यालय को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है। रेलवे को भुगतान करने के बाद जीटी रोड के अंतिम चरण के कार्य में फिर से तेजी आएगी। कानपुर से अलीगढ़ 285 किलोमीटर जीटी रोड का चौड़ीकरण कराकर फोरलेन बनाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अलीगढ़ से लेकर कानपुर के मंधना तक कार्य भी हो चुका है।
इस वजह से अटक गया काम
मंधना से लेकर कल्याणपुर के आईआईटी गेट तक सात किमी हिस्से का कार्य हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग के लिए पहले रेलवे और उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड की अनुमति के चक्कर में अटका रहा।
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की गई डेढ़ करोड़ रुपये की मांग
जब रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद कार्य शुरू करने की तैयारी हुई तो रेलवे ने अनुमति के एवज में 35 वर्ष के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की मांग एनएचएआइ के समक्ष रख दी। इस वजह से कार्य शुरू नहीं हो सका। मंधना चौराहे में एलिवेटेड फ्लाईओवर निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। तीन स्पैन का कार्य होना है। इसके अलावा बिठूर क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण होना है।
हाथरस के सिकंदराराऊ में अटका है कार्य
जीटी रोड पर हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में छह लेन का रेलवे ओवरब्रिज बनना है, इसका 80 मीटर हिस्सा रेलवे ट्रैक पर होगा। इसकी मंजूरी पूर्वोत्तर रेलवे से मिलने के चक्कर में कार्य अटका था। अनुमति मिलने के बाद अब कार्य शुरू किया जाएगा।
अधिकारी ने कही ये बात
हाईटेंशन लाइन की शिफ्टिंग की अनुमति के लिए रेलवे ने डेढ़ करोड़ रुपये मांगे हैं। एनएचएआई मुख्यालय से भुगतान का अप्रूवल मांगा है। एक सप्ताह अनुमति मिल जाएगी, उसके बाद तीन माह में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।-प्रशांत दुबे, परियोजना निदेशक एनएचएआई।