Kanpur Railway News: बुंदेलखंड के लिए रेलयात्रा होगी और सुगम, मुंबई के लिए नया रेलमार्ग
इसी साल मुंबई के लिए नया रेलमार्ग का विकल्प खुलेगा। इससे बुंदेलखड़ की रेलयात्रा सुगम होगी। इससे इस रूट पर और ट्रेन मिलेगी। 75 प्रतिशत भीमसेन जंक्शन से बांदा के खैरार तक ट्रैक दोहरीकरण का काम पूरा हुआ। झांसी-कानपुर प्रयागराज-सतना रेलमार्ग में दिक्कत पर इससे ट्रेनें डायवर्ट की जा सकेंगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। इसी साल बुंदेलखंड के लिए रेलयात्रा और सुगम हो जाएगी। मुंबई के लिए नए रेलमार्ग का विकल्प खुलेगा। इससे नई ट्रेनें मिल सकेंगी। झांसी-कानपुर, प्रयागराज-सतना रेलमार्ग पर कभी दिक्कत आने पर ट्रेनें डायवर्ट कर इस रेलमार्ग से चलाई जा सकेंगी। जी हां, यह संभव होगा मानिकपुर जंक्शन से वाया बांदा-खैरार से हमीरपुर, घाटमपुर होकर भीमसेन तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण से, जिसका 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अभी तक सिंगल ट्रैक होने से ट्रेनें गति नहीं पकड़ पा रही थीं, अब रफ्तार भी मिलेगी।
बांदा-भीमसेन रेल लाइन दोहरीकरण से कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, बांदा व चित्रकूट जिलों को सीधा लाभ होगा। कानपुर-झांसी रेलवे ट्रैक पर स्थित भीमसेन जंक्शन से कठारा, सीढ़ी इटारा, पतारा, घाटमपुर, हमीरपुर रोड, इंगोहटा, खैरार जंक्शन होकर बांदा व चित्रकूट तक स्थानीय पैसेंजर, इंटरसिटी, मध्य प्रदेश के जबलपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर व मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक ट्रेनें वर्तमान में चल रही हैं।
लगभग 250 गांव सीधे जुड़े हैं। हमीरपुर रोड यमुना बैंक से घाटमपुर रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक डालने के लिए समतलीकरण का काम अंतिम चरण पर है। अभी तक सिंगल ट्रैक होने से ट्रेनों को रफ्तार नहीं मिल पा रही थी। कारण, ट्रेनों को पास कराने के लिए उन्हें स्टेशनों पर रोक कर चलाना पड़ता है। जो ट्रेनें अभी साढ़े तीन घंटे में सेंट्रल से बांदा पहुंच रहीं, ट्रैक दोहरीकरण के बाद वो दो से ढाई घंटे में ही पहुंचने लगेंगी। प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में पर्यटन बढ़ेगा।
प्रत्येक अमावस्या को जाने वाले लाखों लोग लाभान्वित होंगे। बड़ी संख्या में प्रतिदिन भी श्रद्धालु चित्रकूटधाम जाते-आते हैं। वहीं, घाटमपुर पावर प्लांट तक कोयला समेत दूसरी सामग्री मालगाड़ियों से पहुंचाना आसान हो जाएगा। पावर प्लांट तक इस रेल लाइन से ट्रैक बिछाया गया है। वर्तमान में इस रेलमार्ग पर चित्रकूट एक्सप्रेस, चित्रकूट इंटरसिटी एक्सप्रेस, कानपुर सेंट्रल-खजुराहो एक्सप्रेस, लखनऊ रायपुर गरीबरथ एक्सप्रेस, बेतवा एक्सप्रेस, सूबेदारगंज लोकमान्य तिलक स्पेशल जैसी ट्रेनें चल रही हैं। उधर, बुंदेलखंड के रेलवे स्टेशनों की सूरत बदलने का काम पहले से ही चल रहा है।
उत्तर मध्य रेलवे ने स्टेशनों के कायाकल्प के लिए कंपनियां चयनित कर ली हैं। कानपुर सेंट्रल से चित्रकूट के मानिकपुर जंक्शन तक के सभी रेलवे स्टेशनों पर जरूरत के हिसाब से नए प्लेटफार्म, पुराने प्लेटफार्मों का विस्तारीकरण, शेड व यात्री सुविधाओं से जुड़े कार्य भी हो रहे हैं।
- 441 करोड़ रुपये दोहरीकरण व विद्युतीकरण में होंगे खर्च।
- 2017 में पहली किस्त में 45.83 करोड़ मिले थे व काम शुरू हुआ।
- 100 किलोमीटर ट्रैक दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका।
- 28 किमी में अब काम बाकी है, जिसके लिए तेजी लाई गई।
बांदा-भीमसेन व खैरार-मानिकपुर रेल लाइन दोहरीकरण का काम तेज हुआ है। रेलवे क्रासिंग हटाकर भूमिगत पास बनाए गए हैं। मंडल रेल प्रबंधक की लगातार निगरानी से काम को गति मिली है।
-मनोज कुमार सिंह, रेलवे जनसंपर्क अधिकारी झांसी मंडल।
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