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    डॉ. गिरिराज किशोर को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई देह

    By AbhishekEdited By:
    Updated: Mon, 10 Feb 2020 04:32 PM (IST)

    शूटरगंज के आवास पर सुबह से श्रद्धांजलि व अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती रही। ...और पढ़ें

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    डॉ. गिरिराज किशोर को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई देह

    कानपुर, जेएनएन। पद्मश्री डॉ. गिरिराज किशोर के अंतिम दर्शन के लिए सोमवार की सुबह से भीड़ उमड़ती रही। नेताओं और साहित्यकारों के अलावा आमजन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शूटरगंज से उनकी अंतिम यात्रा निकली तो लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। कूल्हे की हड्डी में चोट के कारण वह पिछले तीन महीने से बेड पर थे और रविवार को अंतिम सांस ली।

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    मूलरूप से मुजफ्फरनगर निवासी गिरिराज किशोर कानपुर में बस गए थे और 210, शूटरगंज एल्गिन मिल के सामने रहते थे। यहीं पर रहकर उन्होंने साहित्य साधना की और दक्षिण अफ्रीका में मोहनदास के महात्मा गांधी बनने तक के संघर्ष को उपन्यास के रूप में 'पहला गिरमिटिया' उकेरकर साहित्य जगत में अलग स्थान बनाया। उनकी रचनाओं में 'ढाई घर' और 'पहला गिरमिटिया' चर्चित उपन्यास शामिल हैं। आठ जुलाई 1937 को जमींदार परिवार में जन्मे गिरिराज किशोर ने कम उम्र में ही स्वतंत्र लेखन शुरू कर दिया था। उनके निधन पर साहित्य जगत ही नहीं, राजनीतिक पार्टियों ने भी शोक व्यक्त करते हुए अपूरणीय क्षति बताया।

    देहदान कर चुके हैं गिरिराज

    साहित्य से समाज को दिशा देने वाले गिरिराज किशोर समाज के लिए जिए। उन्होंने अपना शरीर भी दान कर दिया था। उनके पुत्र अनीश ने बताया कि सोमवार को दस बजे निवास स्थान से अंतिम यात्रा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के लिए निकलेगी। वहीं, प्रबंधन को उनकी देह सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया-प्रख्यात साहित्यकार, कालजयी रचना 'पहला गिरमिटिया' के लेखक, पद्मश्री श्री गिरिराज किशोर जी के देहावसान से साहित्य जगत व सम्पूर्ण प्रबुद्ध समाज में एक निर्वात उत्पन्न हो गया है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।

    देहदान कर चुके हैं गिरिराज

    साहित्य से समाज को दिशा देने वाले गिरिराज किशोर समाज के लिए जिए। उन्होंने अपना शरीर भी दान कर दिया था। सोमवार को दस बजे निवास स्थान से अंतिम यात्रा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के लिए निकली। इससे पहले आवास पर पहुंचे राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और प्रशासनिक अफसरों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ एकत्र रही। उनके पुत्र अनीश की मौजूदगी में देहदान संस्था के प्रमुख मनोज सेंगर ने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार पार्थिव शरीर का संस्कार किया और मेडिकल कॉलेज को समर्पित कर दिया गया। अशोक माहेश्वरी शिव कुमार दीक्षित डॉ कमल मुसद्दी बीना पाठक हरेंद्र सिंह भदोरिया कृष्ण बिहारी डॉ आलोक वाजपेई, विनोद त्रिपाठी, सुरेश अवस्थी, अनीता मिश्रा, अमरीक सिंह, दीप सुरेश गुप्ता, भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी समेत साहित्य प्रेमी व विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग मौजूद रहे।