President Kanpur Visit: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा, उद्यमी कानपुर का औद्योगिक गौरव वापस लाएं, गोद लेकर बदलें गांव
मर्चेंट्स चैंबर आफ उत्तर प्रदेश के 90 वर्ष के अवसर पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति कोविन्द बोले कि विकास यात्रा में पीछे छूटे लोगों का सहयोग करें। पर्यावरण अनुकूल उद्योग लगाएं। इस दौरान स्मारिका का विमोचन भी किया।

कानपुर, जागरण संवाददाता। औद्योगिक नजरिये से कानपुर का जो स्वर्णिम इतिहास पहले था, उद्यमी उसे वापस लाएं। पर्यावरण के अनुकूल उद्योग स्थापित करें। गांवों को गोद लेकर उन्हें बदलें। विकास यात्रा में पीछे छूटे लोगों का सहयोग करें। हमें जो मिला, उसे समाज को वापस भी करना चाहिए। समाज ने हमें जो दिया, उसे भूलना नहीं चाहिए। ये अपील शनिवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने मर्चेंट्स चैंबर आफ उत्तर प्रदेश के 90वें वर्ष पर आयोजित समारोह में की।
सिविल लाइंस स्थित मर्चेंट्स चैंबर सभागार में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने कहा, आपकी संस्था ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में अहम योगदान दिया है। मर्चेंट्स चैंबर के अब तक के अध्यक्षों की सूची में किसी महिला का नाम नहीं है। वह चाहते हैं कि महिला अध्यक्ष हो। उन्होंने कहा कि कानपुर औद्योगिक नगरी था, लेकिन अब पहले जैसी स्थिति नहीं है। उस स्वर्णिम इतिहास को फिर से लाने की जिम्मेदारी उद्यमियों पर है। उसे वापस लाया जा सका तो सिर्फ कानपुर का नहीं, पूरे प्रदेश का लाभ होगा। कानपुर की भौगोलिक स्थिति और गंगा नदी के रूप में सुलभ यातायात के साधन को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने यहां उद्योगों को बढ़ावा दिया, जिससे इसे मैनचेस्टर आफ ईस्ट और लेदर सिटी आफ द वर्ल्ड के रूप में पहचान मिली। यही औद्योगिक विकास कानपुर व गंगा के प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया। केंद्र सरकार नमामि गंगे के तहत गंगा साफ रखने के प्रयत्न कर रही है, लेकिन इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है। उद्यमी प्रदूषण मिटाने के साथ कानपुर व गंगा को स्वच्छ बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि आज वह जहां हैं, उसके पीछे उनके गांव परौंख की मिट्टी व कानपुर की धरती है। इनके लिए मैं जितना भी कर सकूं, कम है। कहा, सभी का किसी न किसी गांव से संबंध होगा। सभी उद्यमी सुविधा संपन्न हैं। इसलिए गांव जाकर सामाजिक-आर्थिक रूप से योगदान दें। उद्यमी व्यक्तिगत या या समूह बनाकर गांवों को गोद लेकर उसके सर्वांगीण विकास में सहयोग कर सकते हैं।
कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष व दैनिक जागरण के संपादकीय निदेशक महेन्द्र मोहन गुप्त ने उनके मार्गदर्शन के लिए आभार जताया और कहा कि मर्चेंट्स चैंबर ने महिला विंग बना रखी है। भविष्य में महिला उद्यमी को भी संस्था का अध्यक्ष बनाया जाएगा। गंगा की निर्मलता को लेकर दिए गए सुझाव पर कहा कि उद्यमी इसका ध्यान रखते हैं। भविष्य में और भी ध्यान रखेंगे। इसके साथ ही सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। मर्चेंट्स चैंबर के बारे में अध्यक्ष अतुल कनोडिया ने बताया कि संस्था की स्थापना 1932 में हुई थी। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, जेके समूह के अध्यक्ष निधिपत सिंहानिया, दैनिक जागरण के निदेशक संदीप गुप्त, गोल्डी समूह के निदेशक आकाश गोयनका, पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
आइएएस अधिकारी से बातचीत के जरिये सामाजिक योगदान की दी सीख
राष्ट्रपति ने एक आइएएस अधिकारी से हुई बातचीत को आधार बनाते हुए बताया कि उन्होंने अधिकारी से पूछा कि उसकी सफलता में किसका योगदान है। उसने बताया कि माता-पिता और शिक्षकों का। उनसे समाज के योगदान की बात कही तो अधिकारी ने कहा कि समाज ने क्या योगदान किया। उन्हें बताया कि जब वह दिल्ली गए थे तो इंटरव्यू में जाने के लिए स्टेशन से टैक्सी ली होगी। अधिकारी ने कहा कि उसने क्या किया, उसे तो शुल्क दे दिया गया। उन्हें समझाया कि अगर वह वहां जाने से मना कर देता तो इंटरव्यू में कैसे जाते। अगर सभी टैक्सी वाले मना कर देते तो क्या होता। यही समाज है, जिसमें सबका सहयोग है। इसलिए जो जहां जरूरतमंद दिखे, उसे जो भी सहयोग कर सकते हों, करना चाहिए।
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