तरावीह मुकम्मल होने पर कोरोना खत्म होने की दुआ, कई मस्जिदों हाफिजों ने पूरा कुरआन शरीफ सुनाया
रात को तरावीह की विशेष नमाज अदा की जाती है। तरावीह की नमाज पूरे रमजान पढ़ी जाती है। कई जगहों पर तीन पांच सात नौ 101519.21 दिन में भी हाफिज पूरा कुरआन पढ़कर सुनाते है। हर वर्ष मस्जिदों के अतिरिक्त हाल लॉन सहित कई स्कूलों में तरावीह होती थी।

कानपुर, जेएनएन। आधा रमजान गुजर जाने के चमनगंज स्थित घड़ी वाली मस्जिद सहित कई मस्जिदों में तरावीह मुकम्मल हुई। तरावीह में हाफिज के साथ पांच लोगों ने शिरकत की। तरावीह पूरी होने पर कोरोना के खात्मे, कोरोना से संक्रमित मरीजों को जल्द सेहत व देश में खुशहाली की दुआ की गई। आक्सीजन का संकट खत्म होने की भी दुआ की गई।
रमजान शुरु होने के बाद रात को तरावीह की विशेष नमाज अदा की जाती है। तरावीह की नमाज पूरे रमजान पढ़ी जाती है। कई जगहों पर तीन, पांच, सात, नौ, 10,15,19.21 दिन में भी हाफिज पूरा कुरआन पढ़कर सुनाते है। हर वर्ष मस्जिदों के अतिरिक्त हाल, लॉन सहित कई स्कूलों में तरावीह होती थी। कोरोना की वजह से जहां पिछले वर्ष घरों में तरावीह हुई वहीं इस वर्ष मस्जिदों में पांच लोगों ने नमाज अदा की। पंद्रह रमजान बीतने के बाद तरावीह में एक कुरआन शरीफ पूरा होने का सिलसिला भी शुरु हो गया है। कई मस्जिदों में तरावीह मुकम्मल हो रही है। तरावीह पूरी होने पर कोरोना से निजात, आफतो, मुसीबतों, परेशानियों का खात्मे की दुआ की जा रही है। घड़ी वाली मस्जिद में हाफिज माज हसन सलामी ने तरावीह में कुरआन शरीफ के तीस बारे पूरे किए। तरावीह खत्म होने पर एक दूसरे को मुबारकबाद दी गई। तरावीह पढऩे वालों ने हाफिज को फूलों के हार पहनाएं। इसके बाद दुआ की गई। कई अन्य मस्जिदों में भी तरावीह पूरी होने पर खास तौर से कोरोना से निजात की दुआ की गई।
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