मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, बोलीं- दूसरे की सरकार होती तो थाने न जाना पड़ता
कानपुर देहात की अकबरपुर कोतवाली में धरने पर बैठी प्रतिभा शुक्ला अपनी ही पार्टी के खिलाफ मुखर हो गई हैं। उन्होंने कहा ऐसा लगा रहा है कि हम विपक्ष में हैं। अगर दूसरे की सरकार होती तो थाने में न जाना पड़ता। साथ ही सांसद भोले पर भी आरोप लगाए।

आलोक तिवारी, जागरण, कानपुर। कानपुर देहात की अकबरपुर कोतवाली में गुरुवार को साढ़े छह घंटे धरना देने के बावजूद कोतवाल पर कार्रवाई न होने से बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला आहत हैं। वह शुक्रवार को बोलीं, ऐसा लगता है कि हम विपक्ष में हैं और सरकार अफसरों की है। कहा, मेरी पार्टी के एक क्षेत्रीय बड़े नेता और कोतवाल सतीश सिंह एक ही जाति के हैं। एसपी भी उन्हीं के दबाव हैं। इसीलिए उनकी नहीं सुनी जा रही।
उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टी की सरकार होती तो मंत्री को थाने नहीं जाना पड़ता। एक फोन पर काम हो जाता। प्रदेश में ब्राह्मणों की सुनने वाला कोई नहीं है। अगर उनको अपनी बात मनवानी है तो एकजुट होना पड़ेगा और नेतृत्वकर्ता तय करना होगा। पार्टी कोई एक्शन लेती है तो ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए प्रदेश भर में यात्रा निकालेंगे। धरने के दौरान उनके पति का भी एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह कह रहे थे कि आपको डिप्टी सीएम इसीलिए बनाया गया है कि आप ब्राह्मणों की सुरक्षा करोगे। ब्राह्मणों के खिलाफ मुकदमे लिखे जाएं और उन्हें गालियां दी जाएं। ऐसे तो नहीं चल पाएगा।
राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला और सांसद देवेंद्र सिंह भोले।
प्रतिभा शुक्ला कानपुर देहात की अकबरपुर-रनियां विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनकी विधायक निधि से अकबरपुर नगर पंचायत के बदलापुर में सड़क बन रही है। सभासद शमशाद ने निर्माण रुकवा दिया तो उन पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया। गुरुवार को सभासद के समर्थक बाबूराम गौतम ने राज्यमंत्री के समर्थक अबरार, मो. यूसुफ, असलम, यासिर व शिवा पांडेय पर एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा करा दिया।
विरोध में गुरुवार दोपहर पौने तीन बजे प्रतिभा शुक्ला अकबरपुर कोतवाली पहुंच गईं और कोतवाल सतीश सिंह व लालपुर चौकी इंचार्ज यतेंद्र को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गईं। रात सवा नौ बजे एसपी अरविंद मिश्र ने चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया और कोतवाल की जांच कराने की बात कही। राज्यमंत्री मान गईं और अल्टीमेटम दिया कि अगर कार्रवाई न हुई तो वह फिर धरने पर बैठेंगी।
शुक्रवार को भी कार्रवाई न होने पर प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि डीजीपी को भी बताया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। राज्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2004 में बसपा शासन काल में पहली बार मैं थाने गई थी। तब तुरंत बहन जी ने फोन करके थाने जाने से मना किया था और तुरंत काम हो गया था। इस बार दोबारा ऐसा मौका आया जब उन्हें थाने जाना पड़ा। मंत्री होते हुए भी फर्जी मुकदमा हटवाने के लिए धरना देना पड़ा, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
अर्थयुग के चलते अधिकारी मानते नहीं हैं
मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा, मुख्यमंत्री के साफ निर्देश हैं कि पूरी निष्पक्षता से काम किया जाए। लेकिन अर्थयुग है और जिले के अधिकारी निर्देश मानते नहीं हैं, किसी की सुनते नहीं है। कार्यकर्ता को न्याय दिलाने को ही धरने पर बैठी, जहां महिलाओं व ब्राह्मण समाज के सम्मान की बात होगी मैं आवाज उठाऊंगी। वहीं सांसद भोले पर फिर से निशाना साधा। राज्यमंत्री का कहना था कि सभासद सपा से ही जीतकर आया था।
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