कानपुर में पोस्टमार्टम का इंतजार, उर्सुला अस्पताल में आठ बजे से ड्यूटी दो बजे तक नहीं पहुंचे डाक्टर
शासन के आदेश के बावजूद चार घंटे तक उर्सुला अस्पताल में कोई भी डाक्टर पोस्टमार्टम के लिए नहीं आया। परिवार वालों को शव के पोस्टमार्टम का इंतजार करना पड़ा रहा है। उर्सला अस्पताल के डाक्टर सपन गुप्ता और डा. वीकेएस कटियार की ड्यूटी सुबह आठ बजे से थी। दो बजे तक कोई डाक्टर नहीं पहुंचा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। शासन ने चार घंटे में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंपने का आदेश दिए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उन्हें लंबा इंतजार करा रही। पुलिस और डाक्टरों की लापरवाही के चलते पोस्टमार्टम की प्रक्रिया समय से पूरी नहीं हो रही। बुधवार को उर्सुला अस्पताल में छह घंटे तक पोस्टमार्टम नहीं हुए।
उर्सुला अस्पताल में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी विवादों की वजह से उर्सुला अस्पताल सुर्खियों में रहा है। अब शासन का आदेश न मानने का मामला सामने आया है। बुधवार को उर्सुला के दो डाक्टरों डा. सपन गुप्ता और डा. वीकेएस कटियार की ड्यूटी पोस्टमार्टम के लिए लगाई गई थी। इसके बावजूद वह दोपहर दोनों डाक्टर दो बजे तक पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंचे।
शव के लिए स्वजन करते रहे इंतजार
सुबह से ही उर्सुला अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम के लिए स्वजन डा. सपन गुप्ता और डा.वीकेएस कटियार का इंतजार करते रहे। दोपहर दो बजे तक दोनों डाक्टर के न आने से स्वजनों ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत डीएम से की जाएगी।
अकेले करना पड़ा पोस्टमार्टम
इस पर पोस्टमार्टम हाउस प्रभारी डाक्टर नवनीत चौधरी ने किसी तरह अकेले छह शवों का पोस्टमार्टम किया। जबकि शासन के निर्देश के अनुसार चार घंटे में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिए था। शवों को स्वजनों को सौंप देना चाहिए था। इसके बावजूद ऐसा नहीं हुआ।
विवादों में रहे हैं डा. वीके एस
डा. वीकेएस वही डाक्टर हैं जिनका पिछले सप्ताह उर्सुला अस्पताल के सुपरवाइजर राबिन सिंह को पीटते हुए वीडियो प्रचलित हुआ था। मृतक के स्वजन ने बताया कि करीब छह–छह घंटे तक इंतजार करने के बावजूद अभी तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है।
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