नम आंखों से दिवंगत सिपाही को अंतिम विदाई, जवानों ने शस्त्र झुकाकर दी सलामी Kanpur News
दिवंगत सिपाही को शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद पैतृक आवास के लिए पुलिस वाहन तक एडीजी आइजी एसएसपी ने अर्थी को कंधा देकर रवाना कराया।
कानपुर, जेएनएन। बैरक की छत गिरने से हुए हादसे में दिवंगत सिपाही को पुलिस लाइन में मंगलवार की दोपहर शोक सलामी के साथ जवानों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। पार्थिव शरीर को मैनपुरी स्थित पैतृक गांव रवाना करने से पहले एडीजी जयनारायन सिंह, आइजी मोहित अग्रवाल, एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने कंधा देकर पुलिस वाहन तक पहुंचाया। शव देखते ही पत्नी और दोनों बेटे बेहाल हो गए।
सोमवार रात करीब 9:50 बजे पुलिस लाइन स्थित बैरक नंबर एक की पहली मंजिल के दायीं ओर के छज्जे की छत ढह गई थी। बरामदे में नीचे मौजूद 48 वर्षीय सिपाही अरविंद सिंह यादव की दबकर मौत हो गई थी। वहीं पहली मंजिल पर छज्जे पर लेटे दो सिपाही अमृतलाल व राकेश भी नीचे गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मंगलवार सुबह करीब 12 बजे अरविंद के शव का पोस्टमार्टम हुआ, इसके बाद शव पुलिस लाइन स्थित शहीद स्थल ले जाया गया। पुलिस जवानों के साथ एडीजी, आइजी व एसएसपी ने शव को कंधा दिया और नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। जवानों ने शस्त्रों झुकाकर सलामी देने के बाद पार्थिव शरीर पैतृक गांव मैनपुरी रवाना करा दिया।
एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अरविंद मूलरूप से मैनपुरी के बकेवर थाना अंतर्गत लालपुर गांव के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी नीलेश देवी, दो बेटे हिमांशु और प्रियांशु हैं। हिमांशु बीकॉम में पढ़ रहा है तो प्रियांशु अभी 10वीं में है। अरविंद कल्याणपुर के बारासिरोही में कमरा किराये पर लेकर परिवार के साथ रह रहे थे। सोमवार को उनकी ड्यूटी पुलिस लाइन के गेट पर थी। ड्यूटी के दौरान किसी काम से वह बैरक तक आए थे तभी हादसा हो गया। घायल तीनों जवानों की हालत खतरे से बाहर है।