जागरण संवाददाता, कानपुर : तौधकपुर के दीनदयालपुरम में रहने वाली पांच दिन से लापता युवती का मामला सुर्खियों में आया तो नौबस्ता पुलिस ने सोमवार को चंद घंटों में ही उसे सर्विलांस की मदद से सकुशल बरामद कर लिया। वहीं, इससे पहले एक आडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित हो गया। इसमें युवती के पिता बेटी की तलाश करने के लिए हंसपुरम चौकी प्रभारी धमेंद्र वर्मा से गुहार लगा रहे हैं, जबकि चौकी प्रभारी उनसे बेहद अभद्र तरीके से बात कर रहे हैं।
प्रचलित आडियो के आधार पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने कार्रवाई का आदेश दिया, जिसके बाद डीसीपी दक्षिण ने चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। हालांकि दैनिक जागरण प्रचलित आडियो की पुष्टि नहीं करता है।
यह है मामला
तौधकपुर के दीनदयालपुरम निवासी युवती के पिता नगर निगम के उद्यान विभाग में माली हैं। उन्होंने बताया कि बेटी ने तीन माह पहले नौबस्ता स्थित एक अस्पताल में नौकरी शुरू की थी। दो फरवरी की रात युवती ने पत्नी के नंबर पर काल कर बताया कि पापा को अस्पताल भेज देना। रात नौ बजे वह अस्पताल पहुंचे, लेकिन बेटी वहां नहीं मिली। अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों ने बताया कि वह करीब आठ बजे ही वहां से चली गई थी।
काफी जद्दोजहद के बाद अस्पताल से सीसीटीवी फुटेज निकलवाए तो उसमें बेटी रोती नजर आई। उन्होंने आरोप लगाया कि बेटी के साथ अनहोनी की आशंका के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मामले में पिता की पीड़ा और पुलिस की कार्यशैली को दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया तो खबर को संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त ने नौबस्ता पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद सोमवार दोपहर करीब पांच बजे युवती को कल्याणपुर से सकुशल बरामद कर लिया गया।
डीसीपी दक्षिण प्रमोद कुमार ने बताया कि नौबस्ता पुलिस ने युवती को कल्याणपुर से बरामद कर परिवार के सिपुर्द कर दिया है। उसके साथ एक दोस्त भी था। वहीं दूसरी ओर पीड़ित पिता से अमर्यादित वार्तालाप करने वाले चौकी प्रभारी हंसपुरम को लाइन हाजिर किया गया है। ,
‘हमारे जिम्मे 36 लड़कियों को तलाशने की जिम्मेदारी...नेता विधायक को ढूंढना हो तो वही ढूंढ लें’ दारोगा धर्मेंद्र वर्मा का युवती युवती के पिता से बातचीत के दो आडियो सोमवार को इंटरनेट मीडिया में प्रचलित हो गए। इसमें दारोगा कह रहे हैं कि बिना सीडीआर किसी को नहीं पकड़ेंगे। वह एक लड़की नहीं तलाश पा रहे हैं और हमारे जिम्मे 36 लड़कियों को तलाशने की जिम्मेदारी है। जब पिता ने जोर दिया तो दारोगा ने कहा कि बेवजह दबाव न बनाया जाए, नहीं तो खुद ही जांच कर लें। सभी घर में नेता विधायक हैं। नेता-विधायक को ढूंढना हो तो वही ढूंढ लें।
वहीं, एक दूसरे आडियो में जब पीड़ित पिता ने कहा कि तीन चार दिन हो गया है और अनहोनी हो सकती है, तो दारोगा ने गुस्से में कहा कि उसे मारकर फेंक दिया है। तीन दिन नहीं लड़कियां दो-दो महीने बाद घर वापस आ रही हैं। शादी करने के लिए भाग रही हैं और वापस आ रही हैं।
युवती बोली- माता-पिता करवाते काम, गलती होने पर होती थी पिटाई
नौबस्ता थाने में युवती ने बताया कि उसके माता-पिता उससे घर का काम करवाते थे और थोड़ी सी गलती होने पर भी गाली देते और मारते थे। वह अवसाद में जा रही था। ऐसे में घर से अस्पताल गई और वहां से नौकरी के लिए गोरखपुर चली गई। युवती ने बताया कि वह अकेले गई थी और उसके साथ कोई अपराध नहीं हुआ। कल्याणपुर लौटी तो पता चला कि माता-पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई है।
युवती ने गुस्से में तोड़ा था फोन
पुलिस पूछताछ में पता चला कि अस्पताल के एक कर्मचारी ने ही युवती की नौकरी लगवाई थी। उससे उसकी दोस्ती है, लेकिन कर्मचारी को शक था कि युवती किसी और युवक से बात करती है। इसी बात को लेकर उस दिन दोनों में विवाद हुआ और गुस्से में युवती ने फोन तोड़ दिया। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।