Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झाड़े रहो कलक्टरगंज से हौंक दिया जाएगा तक... बॉलीवुड तक फेमस हैं कनपुरिया भाषा के ये शब्द, क्या होता है अर्थ?

    Updated: Sat, 31 May 2025 04:05 PM (IST)

    Kanpur Famous Local Words प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर में दुश्मन कहीं भी हो हौंक दिया जाएगा जुमला उछाला जिससे अटल बिहारी वाजपेयी और राजू श्रीवास्तव की यादें ताजा हो गईं। कनपुरिया बोली-भाषा से देश-विदेश के लोग परिचित हैं। ज्यादा बकैती न करो काम पैंतिस हुइगा जैसे शब्द आम हैं। सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि मोदी कनपुरिया अंदाज में दिलों में उतर गए।

    Hero Image
    झाड़े रहो कलक्टरगंज से हौंक दिया जाएगा तक...ये कनपुरिया भौकाल

    जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रधानमंत्री मोदी ने जब शुक्रवार को दुश्मन कहीं भी हो हौंक दिया जाएगा का कनपुरिया जुमला उछाला तो झाड़े रहो कलक्टरगंज के साथ भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यादें ताजा हो गईं। साथ ही बालीवुड तक धमाल मचाने वाले इन्हीं कनपुरिया शब्दों के जादूगर हास्य कलाकार स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव की मिमिक्री कानों में गूंजने लगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यही कनपुरिया भौकाल है, जो हर किसी की जुबां पर हमेशा रहता है। औद्योगिक नगरी से व्यापारिक रूप से देश-विदेश के लोग जुड़े हैं, जो यहां की बोली-भाषा से बखूबी परिचित हैं। सेंट्रल स्टेशन से झकरकटी बस अड्डा पर उतरते ही इनसे रूबरू होते हैं।

    कलक्टरगंज गल्लामंडी में कभी झाड़न से ही तमाम लोगों की रोजी-रोटी चलती रही। उनमें से कई लोग रात में झाड़न उठाते और दिन में बढ़िया कुर्ता-पाजामा पहनकर निकलते। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी डीएवी कालेज में पढ़े। वह यहां से बखूबी परिचित थे। झाड़े रहो कलक्टरगंज के जुमले का अक्सर प्रयोग करते थे।

    शुक्रवार को जब पीएम मोदी ने जनसभा में कहा कि अगर मैं सीधे-सीधे कानपुरिया में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा तो शहर ही नहीं, आसपास और पूरे देश में कनपुरिया शब्दों की चर्चा शुरू हो गई। यहां की रोबीली भाषा में ज्यादा बकैती न करो, गुरु काम पैंतिस हुइगा, ज्यादा बड़ी अम्मा न बनौ, कंटाप जैसे शब्द आम बोलचाल में रोज ही प्रयोग किए जाते हैं।

    दोस्तों-रिश्तेदारों तक ऐसे शब्द खूब सुने जाते हैं। फिल्म तनु वेड्स मनु, टशन, बुलेट राजा में यहां की भाषा में लिखे डायलाग जेहन में ताजा हो गए।

    शब्द और उनका अर्थ

    ज्यादा बकैती न करो : अधिक मत बोलो। जब कोई बहुत बढ़-चढ़कर बोलता है तो कनपुरिया स्टाइल में इसे कहा जाता है।

    हौंक दिए जाओगे : इसका मतलब मारने, हमला करने से है। पीएम मोदी के दुश्मन के हौंकने की बात का भी यही तात्पर्य है।

    ज्यादा बड़ी अम्मा न बनौ : अधिक होशियारी या बार-बार आगे आकर कोई काम करने, बहुत ज्ञान देने पर इसका प्रयोग होता है।

    काम पैंतिस हुइगा : जब कोई काम पूरा हो जाता है, तब अधिक उत्साहित कानपुर के लोग यह बोलते हैं।

    इन शब्दों का भी प्रयोग

    कनपुरिया में बेकार की बातें करने पर बकलोली, थप्पड़ मारने को कंटाप, जलवा होने को भौकाल, बेहतरीन या अच्छा मतलब चौकस, अधिक बोलने वाले को बकैत, सबसे अच्छा काम करने या चतुराई दिखाने वाले को खलीफा, उलझन या परेशानी में फंसाने पर चिरांद, हौंक दिहिस यानी पिटाई करने के बाद इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। इसी तरह हियां आव मतलब यहां आओ है।

    सांसद कानपुर लोकसभा क्षेत्र, रमेश अवस्थी ने कहा

    प्रधानमंत्री मोदी कनपुरिया अंदाज में दिलों में उतर गए। उनका कार्यक्रम विकास की पटकथा लिखेगा, जो ऐतिहासिक होगा। मंधना-अनवरगंज रेलवे ट्रैक, स्टेशनों के विकास से लेकर बदलते कानपुर की तस्वीर जल्द दिखाई पड़ेगी। लोकसभा चुनाव में चला नारा कानपुर के मन में मोदी व मोदी के मन में कानपुर की बात भी शुक्रवार को सही साबित हो गई।

    comedy show banner
    comedy show banner