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    नोटों की गड्डियां देखकर आयकर अफसरों को याद आया 1980 का छापा, जिसपर बनी थी रेड फिल्म

    कानपुर में रोलिंग मिल पर छापे में उस समय तक देश में आयकर की सबसे बड़ी रिकवरी थी। तब भी दीवार और खंभों सेे नोट निकले थे और वर्ष 2018 में इसी छापे को लेकर अजय देवगन की फिल्म रेड बनी थी।

    By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 26 Dec 2021 12:57 PM (IST)
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    आयकर की उस समय देश में सबसे बड़ी रिकवरी थी।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। पीयूष जैन के घर में जीएसटी इंटेलीजेंस के छापे के दौरान मौजूद आयकर अधिकारियों ने दीवारों से नोटों की गड्डियां निकलते देखीं तो उन्हें 1980 में कानपुर में रोलिंग मिल पर मारे गए छापे की याद आ गई। इस छापे के आधार पर ही अजय देवगन की रेड फिल्म बनी थी, जो वर्ष 2018 में कानपुर में भी रिलीज हुई थी। वर्तमान छापे में अब तक दो अरब से अधिक नकदी मिल चुकी है। वहीं, 41 वर्ष पूर्व हुई उस कार्रवाई में एक करोड़ रुपये की नकदी दीवार और खंभों को तोड़ कर निकाली गई थी। छापे में 30 सोने के बिस्कुट भी मिले थे। यह उस समय तक की देश में आयकर की सबसे बड़ी बरामदगी थी। उसमें नोटों को गिनने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की टीम लगाई गई थी। अब फिल्मी अंदाज में ही फिर से नोटों की बड़ी बरामदगी हुई है।

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    बुधवार दोपहर में शुरू हुए छापे के बाद जिस तरह से पीयूष जैन के घर से नकदी मिली उसने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के देश में अब तक पड़े छापों में सबसे ज्यादा बरामदगी करा दी है। छापे के दौरान नोटों के निकलते ही आयकर अधिकारियों को भी बुला लिया गया था। गड्डियों का ढेर लगते देख आयकर अधिकारियों को अपने अधिकारियों द्वारा 1980 में मारे गए छापे की जो कहानी सुनाई जाती है, वह सामने नजर आने लगी।

    उस समय छापे का नेतृत्व आयकर आयुक्त शारदा प्रसाद पांडेय और उप निदेशक एके बटब्याल ने किया था। दोनों अधिकारियों ने कई दिन तक जिस तरह कार्रवाई कर इतनी बड़ी राशि बरामद की, उससे विभाग ने दोनों को प्रशंसा पत्र भी दिए थे। उनके इस छापे का नेतृत्व करने की बात उनकी सर्विस पुस्तिका में भी इसे लिखा गया था। शारदा प्रसाद पांडेय मुंबई में आयकर जांच विंग प्रथम के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए तो एके बटब्याल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य पद से रिटायर हुए।